उमा भारती ने बताया, क्यों बदला उन्होंने जन्मभूमि स्थल पर ना जाने का फैसला
नई दिल्ली। भाजपा की दिग्गज नेता और राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधारों में से एक उमा भारती बुधवार को भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हुईं। हालांकि 2 दिन पहले ही उमा भारती ने ट्वीट करते हुए कहा था कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए वो भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी। उमा भारती ने अपने ट्वीट में कहा कि वो अयोध्या तो जाएंगी लेकिन कार्यक्रम में ना जाकर सरयू के तट पर ही रहेंगी। इसके बाद बुधवार को उमा भारती भूमि पूजन कार्यक्रम में पहुंची और अपने फैसले को बदलने का कारण भी बताया।

उमा भारती ने बताई ये वजह
उमा भारती ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'मैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम की मर्यादा से बंधी हूं। मुझे राम जन्मभूमी न्यास के वरिष्ठ अधिकारी ने शिलान्यास स्थली पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। इसलिए मैं इस कार्यक्रम में उपस्थित रहूंगी।' गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह और यूपी भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद उमा भारती ने भूमि पूजन कार्यक्रम में ना जाने का फैसला लिया था।

'अयोध्या ने सभी को एक कर दिया'
वहीं, कार्यक्रम में पहुंचकर उमा भारती ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'अयोध्या ने सभी को एक कर दिया है...अब ये देश पूरी दुनिया में अपना माता ऊंचा उठा कर कहेगा कि यहां कोई भेदभाव नहीं है।' उमा भारती के साथ कार्यक्रम में यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ भी पहुंचे। सीएम योगी ने व्यवस्था का जायजा लेते हुए अधिकारियों को अहम दिशा-निर्देश दिए।

मंच पर मौजूद रहेंगे केवल ये पांच लोग
आपको बता दें कि राम मंदिर भूमि पूजन के कार्यक्रम में मंच पर केवल पांच लोग ही रहेंगे। इनमें पीएम मोदी के अलावा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, राम मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख नृत्य गोपालदास, यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ का नाम शामिल है। कार्यक्रम के लिए कुल 175 लोगों को निमंत्रण भेजा गया है और सीएम योगी ने अपील करते हुए कहा कि जिन लोगों को निमंत्रण भेजा है, केवल वही कार्यक्रम में उपस्थित रहें। सीएम योगी ने यह अपील कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए की है।
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