भगोड़े विजय माल्या को अब इस मामले में लगा ब्रिटेन के हाईकोर्ट से बड़ा झटका
ब्रिटेन की अदालत ने सोमवार को तत्काल अर्जी पर सुनवाई करने के दौरान शराब कारोबारी विजय माल्या के लिए कानून लड़ाई लड़ने के लिए बड़ी रकम जारी करने से इनकार कर दिया।
नई दिल्ली। ब्रिटेन की अदालत ने सोमवार को तत्काल अर्जी पर सुनवाई करने के दौरान शराब कारोबारी विजय माल्या के लिए कानून लड़ाई लड़ने के लिए बड़ी रकम जारी करने से इनकार कर दिया। लंदन में उच्च न्यायालय में इन्सॉल्वेंसी एंड कंपनी कोर्ट के एक न्यायाधीश ने यह कहते हुए धनराशि जारी करने से इनकार कर दिया कि माल्या फंड्स की रिहाई की अनुमति देने के लिए मांगी गईं आवश्यक जानकारियों को देने में विफल रहे हैं।
बता दें कि विजय माल्या के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में 13 बैंकों ने दिवाला मुकदमा दायर किया हुआ है। विजय माल्या की तकरीबन 29 लाख पाउंड की प्रॉपर्टी कोर्ट फंड्स ऑफिस के पास जब्त है। माल्या ने इसी संपत्ति में से 28 लाख पाउंड जारी करने की गुहार लगाई थी। अर्जी के समर्थन में माल्या के वकील फिलीप मार्शल ने दलील दी थी कि माल्या को धन की बेहद जरूरत है। हालांकि कोर्ट ने माल्या को अपनी कानूनी लड़ने के लिए थोड़ी राशि जारी करने की अनुमति दे दी है। इस मामले की पूरी सुनवाई 22 जनवरी को हाई कोर्ट में होने की उम्मीद है।
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'किसान
अब
धरना
रोक
लें',
कृषि
कानूनों
पर
सुप्रीम
कोर्ट
के
फैसले
की
तारीफ
करते
हुए
बोले
हरियाणा
के
सीएम
बता
दें
कि
विजय
माल्या
को
साल
2018
में
भारतीय
बैंकों
से
लिया
हुआ
कर्ज
वापस
न
करने
के
चलते
भारत
को
प्रत्यर्पित
करने
का
फैसला
सुनाया
गया
था।
कोर्ट
ने
इस
आदेश
को
अप्रैल
2020
में
भी
बरकरार
रखा
था।
हालांकि,
यूके
की
गृह
सचिव
प्रीति
पटेल
ने
वर्तमान
में
यूके
के
गृह
मंत्रालय
द्वारा
इस
मामले
में
एक
कानूनी
तकनीकी
खामी
से
निपटे
जाने
के
कारण
प्रत्यर्पण
आदेश
पर
हस्ताक्षर
करने
पर
रोक
लगा
दी
है।
माना
जा
रहा
है
कि
माल्या
ने
ब्रिटेन
में
राजनीतिक
शरण
मांगी
है।
विजय
माल्या
पर
क्या
हैं
आरोप
आपको
बता
दें
कि
विजय
माल्या
साल
2016
में
भारत
छोड़कर
चले
गये
थे।
उन
पर
आरोप
हैं
कि
उन्होंने
अपनी
किंगफिशर
एयरलाइन
कंपनी
के
लिए
भारतीय
बैंकों
से
कर्ज
लिया
और
उसे
बिना
चुकाए
ही
वो
विदेश
भाग
गए।
कर्ज
की
यह
रकम
लगभग
10
हजार
करोड़
रुपये
आंकी
गई
है।
भारत
सरकार
ने
उन्हें
भगोड़ा
घोषित
कर
रखा
है।