उज्ज्वला से घटे दमा-खांसी के 20 प्रतिशत मामले
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवाई) की वजह से गरीबों को होने वाली दमा-खांसी जैसी गंभीर बीमारी से बड़ी राहत मिली है। लोकसभा में एक पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि महिला सशक्तीकरण के लिए उज्जवला योजना वरदान साबित हो रही है। इस योजना की वजह से महिलाओं कके स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक स्थिति में भी सुधार देखने को मिला है। उन्होंने कहा है कि योजना की वजह से 27 फीसदी गरीबों को बीपीएल श्रेणी से ऊपर लाने में भी मदद मिली है। बता दें कि गरीब महिलाएं चूल्हे के धुंए से सबसे ज्यादा दमा-खांसी से पीड़ित है।
पूरक सवाल का जवाब देते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इंडियन चेस्ट सोसायटी और इंडियन चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उज्जवला की वजह से महिलाओं की खांसी-दमा के मामलों में 20 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है, जो कि योजना का सबसे संतोषजनक पहलू है। बता दें कि मोदी सरकार ने मई 2016 में उज्जवला योजना को लांच किया था। जिसका उद्देश्य गरीब महिलाओं को निशुल्क एलपीजी कनेक्शन प्रदान कराना था। शुरुआती के तीन साल में सरकार ने 5 करोड़ गरीब महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन प्रदान कराने का लक्ष्य रखा था।
प्रधान ने कहा कि इस योजना के तहत देशभर में सरकार ने अब तक 7.34 करोड़ एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराया गया है। इसमें अकेले उत्तर प्रदेश में 1.34 करोड़ एलपीजी कनेक्शन बांटे गए हैं। इसके अलावा प्रधान ने यह भी बता किया कि बांटे के एलपीजी में 86 फीसदी लाभार्थियों ने अपना पहला सिलेंडर उपगोय करने के बाद वापस कर दूसरा सिलेंडर खरीदा। दूसरा सिलेंडर लेने पर सब्सिडी उनके खाते में डाल दी गई। इसके अलावा प्रधान ने कहा कि योजना का उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा देने के लिए पांच साल में देशभर में 9 हजार से ज्यादा एलपीजी वितरण केंद्र खोले गए हैं।
यह भी पढ़ें- यूपी: गरीब मनीषा बता रही बेबसी, न छत नसीब, न दो वक्त की रोटी