राकेश मारिया के दावे को उज्ज्वल निकम ने बताया सही, कहा- मिले थे हिंदू नाम वाले 'फेक आईकार्ड'
मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया की एक पुस्तक को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी जहां एक ओर कांग्रेस पर निशाना साध रही है। इसी बीच मुंबई के 26/11 आतंकी हमले के मुकदमे की अदालत में पैरवी करने वाले विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने किताब में कसाब को लेकर किए गए खुलासे पर अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, मुंबई हमले में शामिल सभी आतंकियों के पास हिंदू नामों वाले कार्ड मिले थे।
उज्जवल निकम ने कहा कि, हमने कोर्ट के सामने 10 आईडी पेश किए थे
राकेश मारिया की किताब में किए खुलासे को लेकर पब्लिक प्रोसिक्यूटर उज्जवल निकम ने कहा कि, हमने कोर्ट के सामने 10 आईडी पेश किए थे, वे फर्जी थीं। यह सच है कि उन आईडी पर हिंदू नाम थे। उनके हाथों पर लाल रंग के धागे बंधे हुए थे। कसाब ने मुंबई की अदालत 19 फरवरी 2008 को में बयान दिया था जिससे साबित हुआ था कि सभी दस आरोपियों के पास 10 फेक आईडी थीं। हमने इस बात को साबित किया था।
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कसाब ने कोर्ट में स्वीकार किया था गुमराह करने के लिए ये कार्ड रखे थे
उन्होंने कहा कि, अजमल कसाब में मजिस्ट्रेट के सामने यह कबूल किया था कि, अबू गाफा जो उन्हें मिलिट्री की ट्रेनिंग दे रहा था। उसने उन सभी 10 अभियुक्तों को कहा था कि, आप सभी को झठे हिंदू नाम दिए जाएंगे। अजमल कसाब ने अपने इकबालिए बयान में यह भी कहा था कि, हमने पुलिस को गुमराह करने करने के लिए इन आईडी कार्ड का यूज किया था। हमने ये बात कोर्ट में भी साबित कर दी थी।
राकेश मारिया ने किताब में किए कई खुलासे
बता दें कि, मारिया ने सोमवार को जारी अपने संस्मरण 'लेट मी से इट नाउ' में 26/11 के मुंबई हमले में उनके द्वारा की गई जांच का जिक्र किया। उस हमले की योजना लश्कर ने बनाई थी और उसमें पाकिस्तान का हाथ भी होने का पता चला था। मारिया ने लिखा, यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता, तो कसाब चौधरी के रूप में मर जाता और मीडिया हमले के लिए 'हिंदू आतंकवादियों' को दोषी ठहराती।
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