धोनी ही नहीं बल्कि 1390 और लोगों ने दर्ज की आधार को लेकर शिकायत, पर नहीं की गई कानूनी कार्रवाई
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की आधार पहचान ऑनलाइन लीक होने के बाद बॉयोमेट्रिक पहचान के लीक होने को लेकर राजनीतिक दलों के बीच घमासान मची हुई है।
आधार एजेंटों के खिलाफ 1390 शिकायत दर्ज
पर आधार कार्ड बनाने वाले एजेंटों के खिलाफ की गई शिकायत का यह कोई पहला मामला नहीं है। बल्कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण(यूआईडीएआई) की तरफ से सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानकारी के मुताबिक अभी तक आधार एजेंटों के खिलाफ 1390 शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी हैं। पर इन मामलों में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है।
एक ही बॉयोमेट्रिक पहचान पर दो आधार कार्ड!
आपको बताते चले कि इससे पहले आधार कार्ड को लेकर सवाल उठ चुके हैं। सीएनएन-न्यूज 18 के पत्रकार के खिलाफ इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई है। क्योंकि 22 मार्च को समाचार चैनल ने अपने रिपोर्टर के हवाले से एक रिपोर्ट प्रसारित की थी जिसमें दावा किया गया था कि एक ही बॉयोमेट्रिक पहचान पर दो अलग-अलग बार आधार कार्ड के लिए नामांकन अंक प्राप्त कर लिए। रिपोर्टर ने गलत तरीके से उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक ही बॉयोमेट्रिक पहचान पर दो आधार कार्ड प्राप्त करने के लिए दो अलग-अलग नामांकन अंक प्राप्त कर लिए थे। इस रिपोर्ट के जरिए यह बताया गया था कि कैसे आधार कार्ड प्राप्त करने के लिए भ्रष्टाचार और सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। सच को सामने लाने वाले पत्रकार के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
556 आधार पंजीकरण केंद्र और 125 रजिस्ट्रार काम कर रहे
ऐसा नहीं है आधार कार्ड को बनाने के दौरान खामियों को लेकर आधार कार्ड एजेंटों के खिलाफ कोई पहली शिकायत दर्ज करवाई गई है। बल्कि इस मामले में पूरे देश भर में 1390 शिकायतें दर्ज करवाई जा चुकी हैं। स्क्रॉल की रिपोर्ट के मुताबिक इस समय देश में आधार कार्ड बनाने के लिए 556 आधार पंजीकरण केंद्र और 125 रजिस्ट्रार काम कर रहे हैं। आपको बताते चले कि यूआईडीएआई ने पहला आधार कार्ड नंबर 29 सिंतबर, 2010 को जारी किया था। वहीं 31 अक्टूबर 2016 तक भारत की कुल आबादी के 80 फीसदी लोगों का पंजीकरण आधार के तहत हो चुका है।
लखनऊ ऑफिस में दर्ज हुई सबसे ज्यादा शिकायत
स्क्रॉल की रिपोर्टर ने जब पड़ताल की तो पता चला कि 1300 शिकायतों को बिना अपराधिक शिकायत दर्ज किए ही सुलझा, वापस या फिर बंद कर दिया गया। सबसे ज्यादा शिकायत यूआईडीएआई के लखनऊ ऑफिस में दर्ज करवाई गई हैं। यूआईडीएआई के लखनऊ ऑफिस में अब तक 1,050 शिकायत दर्ज करवाई गई थीं। इनमें 750 शिकायतें आधार पंजीकरण करने वाली एजेंसियों के खिलाफ दर्ज करवाई गई थी। पर इनके खिलाफ कोई भी पुलिस शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई थी।