Aadhar के लिए टू लेयर सिक्योरिटी, UIDAI जारी करेगा वर्चुअल ID
वर्चुअल आईडी की व्यवस्था आने के बाद हर एजेंसी आधार वेरीफिकेशन के काम को आसानी से और पेपरलेस तरीके से कर सकेंगी
नई दिल्ली। UIDAI ने आधार नंबर को सुरक्षित करने के लिए एक नया तरीका निकाल लिया है। UIDAI आधार के लिए वर्चुअल आईडी जारी करेगी। केवाईसी के समय उसी आईडी का इस्तेमाल किया जाएगा। यूआईडीएआईए हर आधार कार्ड की एक वर्चुअल आईडी तैयार करने की सुविधा ला रही है। इससे आपको जब भी अपने आधार डिटेल कहीं देने की जरूरत पड़ेगी, तो आपको 12 अंकों के आधार नंबर की बजाय 16 नंबर की वर्चुअल आईडी देना होगी।
आप खुद अपना वर्चुअल आईडी जनरेट कर सकेंगे
यूआईडीएआईए ये सुविधा भी देगा कि आप खुद अपना वर्चुअल आईडी जनरेट कर सकेंगे। इस तरह आप अपनी मर्जी का एक नंबर चुनकर सामने वाली एजेंसी को सौंप सकते हैं। खुद नंबर जनरेट करने की सुविधा का एक फायदा ये भी होगा कि आपको ये नंबर आसानी से याद रहेगा। इससे न सिर्फ आपकी आधार डिटेल सुरक्षित रहेंगी, बल्कि आप अपने मोबाइल नंबर की तरह इस आईडी को भी आसानी से याद रख सकेंगे।
हर एजेंसी आधार वेरीफिकेशन के काम को आसानी से कर सकेंगी
वर्चुअल आईडी की व्यवस्था आने के बाद हर एजेंसी आधार वेरीफिकेशन के काम को आसानी से और पेपरलेस तरीके से कर सकेंगी। वह आपके आधार नंबर तक तो नहीं पहुंच पाएंगे, लेकिन इससे जुड़ा हर काम पूरा कर सकेंगे। सभी एजेंसी को नई व्यवस्था को 1 जून 2018 तक लागू करना होगा
यूआईडीएआई सभी एजेंसियों को दो श्रेणियों में बांट देगी
इसके साथ ही यूआईडीएआई सभी एजेंसियों को दो श्रेणियों में बांट देगी। इसमें एक स्थानीय और दूसरी वैश्विक श्रेणी होगी। एजेंसियों को उनके काम के हिसाब से इन श्रेणियों में शामिल किया जाएगा। खबर है कि यूआईडीएआईए हर आधार नंबर के लिए एक टोकन जारी करेगी।
आधार नंबर के खतरे में होने की खबर आई थी
थोड़े दिनों पहले आधार नंबर के खतरे में होने की खबर आई थी। खबर के मुताबिक व्हाट्स ऐप के जरिए सेवा देने वाले एक ट्रेडर से 100 करोड़ आधार की जानकारी खरीदी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि सिर्फ 500 रुपए देकर 10 मिनट में एक एजेंड ने उनके रिपोर्टर को लॉगिन आईडी और पासवर्ड देकर पोर्टल के जरिए किसी की भी आधार की जानकारी देखने की सुविधा दे दी थी। इसके जरिए किसी का भी नाम, पता, पोस्टल कोड, फोटो, फोन नंबर और ईमेल देखा। 300 रुपए और देने के बाद एजेंट ने उनको एक सॉफ्टवेयर भी दिया जिसके जरिए आधार नंबर देकर आधार कार्ड प्रिंट किया जा सकता है। बाद में इस मामले में एफआईआर भी की गई थी।
बेनामी संपत्ति का लेन-देन करने वालों को सात साल की जेल, सरकार ने किया अलर्ट