CAA के समर्थन में आए उद्धव ठाकरे, कांग्रेस बोली-सहयोगियों को समझाएंगे
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ एक तरफ जहां कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है तो दूसरी तरफ महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी के साथ मिलकर सरकार चला रही शिवसेना ने कांग्रेस से इतर अपना रुख जाहिर करके कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोगों को नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी से कतई डरने की जरूरत नहीं है, जबकि एनपीआर इससे अलग है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर नागरिकता संशोधन कानून लागू होता है तो किसी को भी इससे डरने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे ने साफ कर दिया है कि एनआरसी अभी तक आया नहीं है और प्रदेश में इसे लागू नहीं किया जाएगा।
सहयोगियों को समझाएंगे
वहीं जिस तरह से शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में अपना बयान दिया है, उसके बाद कांग्रेस के खेमे में हलचल मच गई है। कांग्रेस के नेता बाला साहेब थोराट ने कहा कि सीएए, एनआरसी और सीएए को लेकर कांग्रेस का रुख बिल्कुल साफ है, हम इसके पूरी तरह से खिलाफ हैं। जहां भी समाज को बांटने का प्रयास किया जाएगा कांग्रेस उसका विरोध करेगी। महाराष्ट्र कांग्रेस के मुखिया और प्रदेश सरकार में मंत्री थोराट ने कहा कि हमारी पार्टी का यही रुख है और हम इसको लेकर अपने सहयोगियों के साथ चर्चा करेंगे और उन्हें इस बारे में समझाएंगे।
शरद पवार बोले हम खिलाफ
वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि सीएए पर उनका मत महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे से अलग है, एनसीपी सीएए के खिलाफ हैं। उद्धव ने नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करते रहे हैं। मंगलवार को एक बार फिर उन्होंने इसका समर्थन किया है। उद्धव के बयान पर पवार ने कहा, महाराष्ट्र सीएम की अपनी राय है लेकिन अगर आप हमसे पूछेंगे तो हम नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हैं। हमने संसद में इसके विरोध में वोट किया है और लगातार अपना रुख साफ किया है। हम इस तरह से धर्म आधारित नागरिकता के समर्थन में नहीं हैं।
पहले भी कर चुके हैं CAA का समर्थन
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इससे पहले भी एनआरसी का विरोध कर चुके हैं। हाल ही में सामना को दिए एक इंटरव्यू में उद्धव ने कहा था कि वह सीएए का समर्थन करते हैं लेकिन राज्य में एनआरसी को लागू नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि एनआरसी हिंदुओं के भी खिलाफ है। हिंदुओं को भी मुस्लिमों के साथ नागरिकता साबित करनी होगी। धर्म का इस्तेमाल करके सत्ता हासिल करना मेरा हिंदुत्व नहीं है। अगर बीजेपी एनआरसी लाती है तो इससे हिंदुओं और अन्य धर्म के लोगों को दिक्कत होगी। सभी नागरिकों को अपनी नागरिकता साबित करनी होगी। मुसलमानों ने आंदोलन किया, वे रास्ते पर उतरे। अगर यही भूमिका हिंदुओं ने अपना ली तो आप क्या करोगे?
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