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CAA पर अब BJP की जुबान में बोलने लगे उद्धव ठाकरे, सामना को दिए इंटरव्यू में कही बड़ी बात

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नई दिल्ली- नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अब शिवसेना केंद्र में सत्ताधारी भाजपा की ही जुबान में बोलने लगी है। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' को दिए एक इंटरव्यू में पार्टी चीफ और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी कहा है कि यह कानून नागरिकता देने के लिए है, किसी की नागरिकता छीनने के लिए हीं। गौरतलब है कि अभी तक नए नागरिकता कानून के समर्थन में भाजपा के नेता यही तर्क देते आए हैं। बता दें कि बीच में ऐसा लग रहा था कि नागरिकता संशोधन कानून पर भी शिवसेना अपने पुराने स्टैंड से पलट गई है, क्योंकि संजय राउत तो सीएए-विरोधी जनसभा में भी इसके खिलाफ भाषण दे आए थे। लेकिन अब पार्टी सुप्रीमो ने फिर से अपना नजरिया बदल लिया है।

सीएए पर भाजपा की जुबान बोलने लगे उद्धव

सीएए पर भाजपा की जुबान बोलने लगे उद्धव

महराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने अब नागरिकता संशोधन कानून पर भाजपा के सुर में सुर मिलाना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि बीजेपी और पार्टी के अदना से लेकर आला नेता तक नए नागरिकता कानून के पक्ष में एक बड़ी दलील पेश करते हैं कि यह नागरिकता लेने का कानून नहीं है, नागरिकता देने का कानून है। उद्धव ठाकरे ने भी अब बिल्कुल इसी जुबान में बात करनी शुरू कर दी हैं। उद्धव के राजनीतिक नजरिए में आए इस बदलाव के पीछे की वजह चाहे जो भी हो, लेकिन पॉलिटिकल पंडितों ने इसे अलग सियासी नजरिए से देखना शुरू कर दिया है। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के लिए उसके संपादक संजय राउत को दिए इंटरव्यू में पार्टी सुप्रीमो ने सीएए के बारे में कहा है कि यह कानून किसी की नागरिकता लेने का नहीं, पड़ोसी मुल्कों के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है।

एनआरसी पर शिवसेना अभी भी राजी नहीं

एनआरसी पर शिवसेना अभी भी राजी नहीं

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ महा विकास अघाड़ी की सरकार बनाने के बाद से शिवसेना ने सीएए, एनआरसी पर मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया था। हालांकि, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स को लेकर उद्धव का रवैया अभी भी नहीं बदला है और उन्होंने कहा है कि वह इसे महाराष्ट्र में लागू नहीं होने देंगे। उन्होंने एनआरसी की मुखालफत करते हुए कहा है कि, "नागरिकता साबित करना हिंदुओं और मुसलमानों दोनों के लिए मुश्किल है। मैं इसे लागू नहीं होने दूंगा।" उद्धव ने सीएए और संभावित एनआरसी को लेकर मुस्लिम समुदाय में मौजूद चिंताओं को भी दूर करने की आवश्यकता जताई है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने मुस्लिम जानकारों और मौलवियों को सीएए के खिलाफ राज्य विधानसभा से पंजाब और केरल की तरह प्रस्ताव पारित करने के लिए आश्वसान देने से इनकार कर दिया था।

सीएए पर शिवसेना ने कैसे-कैसे बदला स्टैंड

सीएए पर शिवसेना ने कैसे-कैसे बदला स्टैंड

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर शिवसेना की अब तक की स्थिति असमंजस से भरी नजर आई है। पार्टी के 18 सांसदों ने लोकसभा में इस कानून को पास करने के लिए लाए गए विधेयक के पक्ष में मतदान किया था। लेकिन, राज्यसभा में वोटिंग से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दबाव की वजह से पार्टी ने आखिरी वक्त में वोटिंग का बायकॉट कर दिया था। इसके बाद पार्टी कई दफे इसको लेकर पूरी तरह यू-टर्न मारती नजर आई थी। पार्टी के राज्यसभा सांसद और महा विकास अघाड़ी सरकार बनवाने के सबसे अहम किरदार संजय राउत तो सीएए के विरोध में भाषण भी दे आए थे। बाद में पार्टी ने यह लाइन ले ली थी कि इसपर वह अपना आखिरी स्टैंड सुप्रीम कोर्ट का फैसला देखेने के बाद लेगी। लेकिन, अब उद्धव ठाकरे ने भी कहना शुरू कर दिया है कि सीएए किसी की नागरिकता लेने का नहीं, पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है।

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English summary
Uddhav Thackeray said that CAA is the law of granting citizenship, not of taking citizenship.
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