उद्धव ठाकरे ने खोला राज, कहां से आया भाजपा को झटका देने का ख्याल?
नई दिल्ली- महाराष्ट्र में सरकार बनाने के करीब एक महीने बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने माना है कि पर्याप्त विधायक नहीं होने के बावजूद सरकार कैसे बनाई जा सकती है, यह हुनर उन्हें किसी और ने नहीं एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने सिखाया है। बता दें कि इस बार महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव शिवसेना बीजेपी के साथ मिलकर लड़ी थी। उनके गठबंधन को बहुमत भी मिला था, लेकिन जब सरकार बनाने की बारी आई तो शिवसेना बीजेपी को समर्थन देने से मुकर गई थी और कांग्रेस-एनसीपी से हाथ मिला लिया था। अब उन्होंने कहा है कि कम विधायकों के बावजूद सरकार बनाने की कला उन्हें पवार ने सिखाई है। सवाल उठता है कि पवार की सिखाई राह पर चलकर ही उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ने का फैसला किया था?
Recommended Video
पवार ने सिखाया- उद्धव ठाकरे
शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने माना है कि कम विधायकों के बावजूद कोई पार्टी कैसे सरकार बना सकती है, यह आइडिया उन्हें शरद पवार ने ही दिया है। मुंबई में वसंतदादा सुगर इंस्टीट्यूट के एक कार्यक्रम में उन्होंने पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस पर चुटकी लेते हुए कहा है कि वे कहते थे की बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन हमनें कम विधायक होने के बावजूद भी बहुमत की सरकार बना ली। उन्होंने यह भी साफ किया कि यह तरीका उन्हें एनसीपी मुखिया ने ही सिखाया है- 'हम यहां यह समझते हैं कि कम जमीन में ज्यादा पैदावार कैसे की जा सकती है। शरद पवार ने हमें कृषि की उत्पादकता बढ़ाना सिखाया है और उन्होंने हमें यह भी सिखाया है कि कम विधायकों के बावजूद सरकार कैसे बनाई जा सकती है.....'
पवार से सीखकर दिया भाजपा को झटका?
दरअसल, अक्टूबर में हुए चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को महाराष्ट्र के मतदाताओं ने सरकार बनाने का जनादेश दिया था। लेकिन, नतीजे आने के बाद शिवसेना ने बीजेपी से करीब आधी सीटें जीतने के बावजूद भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दावा ठोक दिया। बीजेपी अपनी चुनावपूर्व सहयोगी की यह शर्त मानने को तैयार नहीं हुई। आखिरकार शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़कर एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर सरकार बनाने में कामयाबी हासिल कर ली। अब उद्धव ठाकरे ने फडणवीस की ओर से विधानसभा में बीजेपी के महाराष्ट्र की सबसे बड़ी पार्टी होने की बात कहने पर उनके खिलाफ तंज में जो बातें कही हैं, उससे कहीं न कहीं यह सवाल उठता है कि क्या शरद पवार की सीख पर ही उनके मन में करीब तीन दशक पुरानी सहयोगी को झटका देने का ख्याल आया था?
पवार के पॉवर से ही बनी उद्धव सरकार
शरद पवार महाराष्ट्र के ऐसे दिग्गज नेता हैं, जिन्हें गठबंधन की राजनीति में महारत हासिल है। 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव नतीजे आने के बाद से वे शिवसेना के नेताओं के साथ संपर्क में थे। उन्होंने ही बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के बाद शिवसेना को कांग्रेस जैसी विरोधी विचारधारा के पास लाने का इंतजाम किया, जिससे आखिरकार शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बन सकी और बीजेपी गठबंधन के तहत चुनाव जीतकर और कहीं ज्यादा सीटें जीतकर भी विपक्षी बेंच पर बैठने को मजबूर हो गई। हालांकि, बीजेपी शुरू से इस सरकार की स्थिरता पर सवाल उठाने की कोशिश करती रही है, लेकिन ये सच है कि पिछले एक महीने से उद्धव अपनी पुरानी सहयोगी से लगभग आधे विधायक होने के बावजूद सीएम की कुर्सी पर बैठे हुए हैं।
इसे भी पढ़ें- महाराष्ट्र : दो बार डिप्टी सीएम रह चुके अजीत पवार क्या फिर संभालेगे ये पद