उद्धव ठाकरे ने शाह से की कड़ी सौदेबाजी, तो ऐसे मिली 2014 से ज्यादा सीटें
मुंबई। पिछले कुछ महीनों से महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के रिश्तों में तल्खी देखने को मिल रही थी। शिवसेना लगातार बीजेपी पर विभिन्न मुद्दों पर निशाना साधते आ रही थी। लेकिन लोकसभा चुनाव की घोषणा के कुछ दिन पहले महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच चुनावी गठबंधन हो गया है। दोनों दल लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे। सोमवार को मुंबई में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास पर बीजेपी चीफ अमित शाह ने मुलाकात की। इसी मुलाकात में दोनों पार्टियों ने सीटों के बंटवारे सहमति जताई।
लोकसभा चुनाव में बीजेपी-25 और शिवसेना-23 सीटें पर लड़ेगी
सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव में बीजेपी-25 और शिवसेना-23 सीटें पर लड़ेगी। भाजपा-शिवसेना के इस गठबंधन को पीएम नरेन्द्र मोदी ने राजनीति से परे बताते हुए कहा कि यह मजबूत भारत की इच्छा से प्रेरित है। वहीं विधानसभा चुनाव को लेकर मामला अभी अटका हुआ है क्योंकि शिवसेना मुख्यमंत्री का पद मांग रही है और बीजेपी ने आधे-आधे टर्म का प्रस्ताव दिया है। भाजपा प्रमुख अमित शाह का कहना है कि, शिवसेना और अकाली दल हमारे सबसे पुराने सहयोगियों में से हैं। हमारे बीच कुछ मतभेद थे लेकिन वे अब अतीत की बात हैं। हमारा गठबंधन महाराष्ट्र में कम से कम 45 लोकसभा सीटें जीतेगा।
लोगों ने पिछले 30 वर्षों से शिवसेना और भाजपा को साथ देखा है
वहीं उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना और भाजपा पुराने सहयोगी हैं। लोगों ने पिछले 30 वर्षों से शिवसेना और भाजपा को साथ देखा है। 25 साल तक हम एकजुट रहे, पांच साल तक भ्रम की स्थिति रही। उधर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, मैंने अभी भी समय-समय पर सरकार को मार्गदर्शन प्रदान करता हूं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समझौता पर कहा कि, भाजपा-शिवसेना गठबंधन महाराष्ट्र की भलाई के लिए काम करना जारी रखेगा।
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विधानसभा चुनावों के परिणाम के बाद बदला बीजेपी का रुख
कुछ दिन पहले तक बीजेपी जहां शिवसेना को हल्के में ले रही थी लेकिन ऐसा लग रहा है कि राजस्थान, और मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में हार के बाद बीजेपी को भी लग रहा है कि सहयोगी दलों को बनाए रखने में ही भलाई है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में दोनों ही पार्टियों के बीच गठबंधन टूट गया था और बीजेपी ने वहां ज्यादा सीटें हासिल कर सरकार बनाई थी। उसके बाद से दोनों ही दलों को बीच दूरी लगातार बढ़ती चली जा रही थी।
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