नागरिकता संशोधन कानून और सावरकर को लेकर उद्धव ठाकरे ने दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। लोग इस एक्ट के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा देश की राजधानी दिल्ली में भी हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला। यहां कई जगह पर बसों को प्रदर्शनकारियों ने फूंक दिया। इस एक्ट का कांग्रेस सहित तमाम दल विरोध कर रहे हैं। लेकिन महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही शिवसेना अभी तक इस पूरे मसले पर अपना रुख साफ नहीं कर सकी है।
हमारा
रुख
पहले
जैसा
शिवसेना
प्रमुख
उद्धव
ठाकरे
ने
कहा
कि
यह
मसला
सुप्रीम
कोर्ट
में
है।
सुप्रीम
कोर्ट
के
फैसले
के
बाद
हम
इसपर
अपना
रुख
साफ
करेंगे।
हालांकि
उद्धव
ठाकरे
ने
इस
एक्ट
को
सावरकर
की
विचारधारा
के
खिलाफ
बताया
है।
लेकिन
जिस
तरह
से
राहुल
गांधी
ने
सावरकर
को
लेकर
बयान
दिया
उसपर
ठाकर
ने
साफ
किया
है
कि
हम
प्रदेश
में
सरकार
कॉमन
मिनिमम
एजेंडा
पर
चला
रहे
हैं
नाकि
विचारधारा
के
आधार
पर।
उद्धव
ठाकरे
ने
कहा
कि
शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी
की
सरकार
कॉमन
मिनिमम
एजेंडा
पर
चल
रही
है,
हमारा
सावरकर
पर
रुख
अब
भी
वही
है
जो
सरकार
के
गठन
से
पहले
थे।
उग्र
प्रदर्शन
बता
दें
कि
नागरिकता
कानून
के
खिलाफ
आज
दिल्ली
में
प्रदर्शन
काफी
उग्र
हो
गया
है।
जामिया
मिलिया
के
छात्रों
ने
आज
इस
कानून
के
खिलाफ
प्रदर्शन
किया।
तमाम
प्रदर्शनकारियों
ने
डीटीडीसी
की
बसों
को
फूंक
दिया।
हालांकि
जामिया
मिलाया
के
छात्रों
की
ओर
से
एक
बयान
जारी
करके
कहा
गया
है
कि
वह
इस
प्रदर्शन
से
अपने
आपको
अलग
कर
रहे
हैं,
इस
प्रदर्शन
के
दौरान
जो
हिंसा
हुई
है
उससे
वह
खुद
को
अलग
कर
रहे
हैं।
जामिया
के
छात्रों
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
हमने
हमेशा
कहा
है
कि
प्रदर्शन
शांतिपूर्ण
और
अहिंसक
होना
चाहिए।
जामिया
के
छात्र
हिंसा
में
नहीं
शामिल
इससे
पहले
जामिया
मिलिया
शिक्षक
संघ
ने
तमाम
छात्रों
से
अपील
की
है
कि
वह
खुद
को
स्थानीय
नेताओं
के
दिशाहीन
प्रदर्शन
से
अलग
रखें।
वहीं
छात्रों
के
प्रदर्शन
के
बाद
दिल्ली
पुलिस
जामिया
मिलिया
के
भीतर
पहुंची
और
उसने
यूनिवर्सिटी
के
गेट
को
बंद
कर
दिया।
जामिया
यूनिवर्सिटी
का
कहना
है
कि
यह
पूरी
हिंसा
स्थानीय
लोगों
ने
की
है,
इसमे
जामिया
के
छात्र
शामिल
नहीं
हैं।
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