Coronavirus: कोटक महिंद्रा बैंक के मालिक बोले- एक साल बाद ही अर्थव्यवस्था पकड़ पाएगी रफ्तार
मुंबई। देश के लीडिंग बैंकर कोटक महिंद्रा बैंक के डायरेक्टर उदय कोटक ने कोरोना वायरस के बाद देश की आर्थिक वृद्धि को लेकर बड़ी बात कही है। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि देश को कोरोना वायरस पहले जैसी आर्थिक तरक्की तक पहुंचने में करीब एक साल का समय लग सकता है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात से भी इनकार कर दिया है कि लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था वद्धि को पूरी तरह से चौपट कर दिया है। हाल ही में उदय कोटक को कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) का प्रेसीडेंट चुना गया है।
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पीएम मोदी को बहाली की उम्मीद
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीआईआई की एक कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है कि देश की अर्थव्यवस्था फिर से ट्रैक पर वापस आएगी। उदय कोटक से पूछा गया था कि उन्हें पीएम मोदी के इस बयान में कितनी वास्तविकता दिखती है और अगर ऐसा होता है तो अर्थव्यवस्था में सुधार कितने समय में हो पाएगा? इस पर उन्होंने जवाब दिया, 'यह इस पर निर्भर करता है कि आप आर्थिक बहाली को कैसे देखते हैं और इसे किस तरह से परिभाषित करते हैं। हम कोविड-19 के बाद एक नए दौर में हैं और ऐसे में बहाली को औसत दर्जे पर रखकर नहीं मापा जा सकता है। बल्कि सीआईआई में हमने फैसला किया है कि हम दर या फिर जीडीपी को लेकर कोई भी भविष्यवाणी नहीं करेंगे।'
अर्थव्यवस्था को हेल्थ सेक्टर का बड़ा झटका
उदय कोटक ने आगे कहा, 'अगर पूंजी बाजार को देखा जाए या फिर निवेशक किस तरह से भारत को देख रहे हैं और कॉरपोरेट्स की आय कैसी है, इस लिहाज से यह पूरा साल ऐसे ही निकल गया है और आय को दोबारा हासिल करने के सभी प्रयास अगले वर्ष फरवरी से ही शुरू हो सकेंगे। हमें साल 2021-2022 से आर्थिक दर को देखना शुरू करना पड़ेगा।' उदय कोटक के मुताबिक हेल्थ सेक्टर से आने वाले झटकों का अर्थव्यवस्था पर खासा असर पड़ा है। उदय कोटक के शब्दों में, 'दो माह से ज्यादा समय तक लॉकडाउन रहा और इस समय भी धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था को खोला जा रहा है, देश के अलग-अलग हिस्से अभी तक बंद पड़े हैं। नौकरियों का नुकसान हो रहा है और आजीविका पर पड़ने वाला इसका असर मांग को भी प्रभावित करेगा। साफ है कि हम आसानी से अर्थव्यवस्था की बहाली की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। इसमें करीब एक साल का समय लगेगा और तब जाकर हम उस स्थिति में पहुंच सकेंगे जहां महामारी से पहले थे।'
लॉकडाउन को बताया सही
हाल ही में बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ बातचीत में सरकार के लॉकडाउन की रणनीति को गलत करार दिया है। राजीव का कहना था कि लॉकडाउन ने कोविड-19 के ग्राफ को गिराने की बजाय अर्थव्यवस्था के ग्राफ को गिरा दिया है। उदय कोटक ने उनके इस बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। लेकिन उन्होंने कहा, 'जब हम काल्पनिक स्थिति को देखते हैं तो हम यही नहीं कह सकते हैं अगर लॉकडाउन नहीं होता तो क्या हुआ होता। निश्चित तौर पर संक्रमण बहुत तेजी से फैलता और सरकार के पास हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने का समय ही नहीं होता। साथ ही भारतीय परिवारों की जो रचना है उसमें हम यह नहीं कह सकते हैं कि युवा लोगों को बाहर जाकर काम करने की मंजूरी दे दी जाए जबके वृद्ध लोग घर पर ही रुकें, क्योंकि हम सब एक साथ रहते हैं।'
कैसे पटरी पर आएंगी आर्थिक गतिविधियां
उन्होंने बताया कि सीआईआई की तरफ से अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 10 बिंदुओं वाला एक नोट तैयार किया गया है। इसमें संक्षिप्त और दीर्घ-कालिक दोनों ही अवधि के उपाय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि लघु अवधि के लिए पहले जिंदगियों और आजीविका को बचाना जरूरी है। मध्यम अवधि में हेल्थ, शिक्षा और प्रकृति में निवेश की मदद से स्थिर दर के लिए एक नींव तैयार करने की जरूरत है। उनका कहना है कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में फिर से संतुलन कायम करने की जरूरत है ताकि आर्थिक गतिविधियों को मदद मिल सके।