
उदयपुर की घटना के तार कराची से जुड़े, जांच में आई बड़ी जानकारी सामने
नई दिल्ली, 29 जून। उदयपुर में टेलर की निर्मम हत्या के मामले में अब पाकिस्तान का लिंक सामने आ रहा है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार जांच में यह बात सामने आई है कि जिन दो कट्टरपंथियों ने हत्या की है वो कराची के सुन्नी इस्लामिस्ट ऑर्गेनाइजेशन डावत ए इस्लामी से जुड़े थे। इस का लिंक बरेलवी इस्लामिक तहरीक एक लब्बेक संगठन से हैं जोकि पाकिस्तान में कट्टरपंथी संगठन है। बता दें कि मंगलवार को 38 साल के रियाज और 39 साल के घोष मोहम्मद ने टेलर कन्हैया लाल की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। रियाज पेशे से वेल्डर है जिसने हत्या के लिए चाकू तैयार किया था। उसने इस चाकू को मोहम्मद साहब के विवाद से बहुत पहले तैयार किया था।

दोनों ही आरोपी गिरफ्तार
दोनों ही आरोपियों को राजस्थान पुलिस ने राजमसंद से गिरफ्तार कर लिया, जब ये दोनों अजमेर शरीफ पर एक और वीडियो शूट करने के लिए जा रहे थे। गौर करने वाली बात है कि दोनों ही आरोपियों ने पहले ही 17 जून को एक वीडियो शेयर करके कहा था कि वह मोहम्मद साहब का अपमान करने वालों का सर तन से जुदा कर देंगे। कन्हैया लाल की हत्या के बाद यह वीडियो काफी वायरल हो रहा है। दोनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जान से मारने की धमकी दी है।

कराची से जुड़े तार
जांच में यह बात सामने आई है कि दोनों ही आरोपी सूफी बरेलवी जोकि सुन्नी इस्लाम को मानने वाला है उससे संबंध रखते हैं। यह संगठन कराची के दावत ए इस्लामी से जुड़ा हुआ है। दोनों ही आरोपी हत्यारे खुद से कट्टरपंथी हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार इस बात की जांच की जा रही है कि क्या इन दोनों का कट्टरपंथी संगठन से कोई संबंध है, इस बात की भी जांच हो रही है कि क्या इनका संबंध मुस्लिम ब्रदरहुड से है। बहरहाल दोनों के खिलाफ यूएपीए के तहत केस दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच एनआईए कर रही है।

क्या लक्ष्य है कराची के संगठन का
कराची स्थित दावत ए इस्लामी संगठन की बात करें तो यह मुख्य रूप से कुरान और सुन्ना की शिक्षा को आगे बढ़ाता है,इसका मकसद दुनियाभर में शरिया को लागू करना है। पाकिस्तान में इस संगठन को बड़ी संख्या में लोग मानते हैं और इसके ईशनिंदा कानून का समर्थन करते हैं। जिस तरह से उदयपुर में नृसंश हत्या हुई है उसने देश की आंतरिक सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं, इस घटना से भारत में कट्टरपंथी इस्लाम को लेकर भी सवाल खड़ा हो गया है। बहरहाल सरकार ने इस घटना के बाद सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय भी इस घटना को करीब से देख रहा है और इस बात की जानकारी हासिल करने की कोशिश हो रही है कि क्या इनका संबंध पीएफआई से है।