जोमैटो के मामले में उबर ईट्स ने किया सपोर्ट तो क्यों ट्रेंड हुआ #BoycottUberEats
नई दिल्ली। हाल ही में अमित शुक्ला नाम के एक शख्स ने जोमैटो से मंगाया गया खाना इसलिए लेने इंकार कर दिया था क्योंकि डिलीवरी ब्वॉय एक मुस्लमान था। ऐसे में जोमैटो ने शख्स को जो जवाब दिया था वह शानदार था। जोमैटो ने ट्वीट कर लिखा था कि 'खाने का कोई धर्म नहीं होता, खाना खुद एक धर्म है।' ऐसे में लोगों ने जोमैटो की जमकर तारीफ की थी। इसके बाद राइवल कंपनी उबर ईट्स ने भी जोमैटो का समर्थन किया था।
जोमैटो के विरोध में भी खड़े हो गए लोग
इस सब के चलते कई लोग जोमैटो के विरोध में भी खड़े हो गए और हिंदू धर्म का अनादर किए जाने की बात कहने लगे। लोगों ने जोमौटो अनइंस्टाल करते हुए स्क्रीनशॉट तक शेयर कर दिया। वहीं क्योंकि उबर ईट्स ने जोमैटो का समर्थन किया था तो लोगों ने ट्विटर पर #BoycottUberEats तक ट्रेंड करा दिया। लोगों अपनी पोस्ट में इसके कई कारण भी दिए। किसी ने लिखा कि एप अनइंस्टाल कर रहा हूं और ऐसा रंग दिखाने वाले अन्य एप्स को भी अनइंस्टाल करूंगा।
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जोमैटो और उबर ईट्स तो देने लगे 1 रेटिंग
ट्विटर पर गुस्सा निकालते हुए कई लोगों ने कहा कि हम प्लेस्टोर पर इन दोनों एप्स को 1 रेटिंग देते हैं, आप भी ऐसा करें। लोगों का आरोप था कि जोमैटो अपना सेक्युलरिस्म सिर्फ एक समुदाय के लिए ही क्यों दिखा रहा है। इसके अलावा भी दोनों एप्स को ट्रोल करते हुए लोगों ने कई बातें कह डालीं। बता दें कि जोमैटो पहले भी कई कारणों से चर्चा में रहा है।
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पहले भी चर्चा में रहे जोमैटो के डिलीवरी ब्वॉय
हाल ही में जोमैटो का एक डिलीवरी ब्वॉय तब चर्चा में आ गया जब मालूम हुआ कि वह कैंसिल किए गए खाने को फेंकता नहीं है। बल्कि वह उसे गरीब बच्चों में बांट देता है। खबर कोलकाता की है जहां इस शख्स की खूब तारीफ हुई। पथिक्रित साहा नाम के इस डिलीवरी ब्वाय को बच्चे रोल काका कहते हैं। वह कभी गरीब बच्चों के लिए अंडा ले जाता है तो कभी चिकेन रोल। इसके अलावा वह बिरयानी और कई लजीज आइटम भी बच्चों को खिलाता है। जो भी लोग खाने का ऑर्डर कैंसिल कर देते हैं पथिक्रित उस खाने को फेंकने की जगह इन गरीब बच्चों का पेट भरता है।
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