यूएई ने क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण का श्रेय पीएम मोदी को दिया
नई दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर घोटाले के अहम आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को भारत प्रत्यर्पित किए जाने पर भारत में संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत अहमद अल बन्ना ने कहा है कि यह नई दिल्ली और अबू धाबी के नेतृत्व के बीच व्यक्तिगत संपर्क की वजह से संभव हुआ है। यूएई के राजदूत ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बहुत महत्वपूर्ण रणनीतिक संबंध और व्यक्तिगत संबंध जो कभी-कभी चीजों को बनाता है। ऐसा एक साल में नहीं होता है, एक दिन में होता है।
क्रिश्चियन को दिसंबर में भारत लाया गया
बता दें कि अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर घोटाले के आरोपी को ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को दिसंबर में संयुक्त अरब अमीरात से भारत लाया गया। इस मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रही है। मिशेल के प्रत्यर्पण पर आरोप लगाया गया कि इसके ऐवज में भारत को संयुक्त अरब अमीरात के शासक को उनकी लापता बेटी प्रिसेंस लतीफा को सौंपनी पड़ी थी। प्रिंसेस लतीफा कुछ महीने पहले दुबई से समुद्र के रास्ते भागी थीं, लेकिन भारतीय नौसेना ने अपने समुद्री क्षेत्र से गुजरते वक्त उन्हें पकड़ लिया था। हालांकि भारत सरकार ने ऐसे किसी भी डील से इनकार करते हुए इस खबर को गलत ठहराया है।
भारत के साथ रिश्तों पर क्या बोले राजदूत
वही यूएई की ओर से पाकिस्तान को एक अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज पर हस्ताक्षर किए जाने और भारत के साथ संबंधों पर इसके प्रभाव के सवाल के जवाब में राजदूत ने कहा कि भारत के साथ हमारा संबंध किसी और के साथ हमारे संबंधों से निर्धारित नहीं है। यूएई के साथ भारत का संबंध किसी और के साथ उनके संबंधों से भी निर्धारित नहीं है। हम संबंधों पर अपने रिश्ते का मूल्यांकन करते हैं।
वार्ता के नए दौर पर विश्वास
यूएई और पाकिस्तान ने इस्लामाबाद के घटते मुद्रा भंडार की मदद के लिए एक बेलआउट पैकेज पर हस्ताक्षर किए हैं। पश्चिम एशियाई देश जैसे सऊदी अरब, यूएई और कतर इस्लामाबाद के बचाव में आए हैं ताकि आईएमएफ से अपनी शर्तों के अनुसार ऋण लेने से बच सके। राजदूत ने कहा कि वार्ता के नए दौर पर विश्वास व्यक्त करते हुए विदेस मंत्री सुषमा स्वराज की पिछले महीने की विदेश यात्रा के दौरान भारत और यूएई एक साथ आए थे।