UAE ने जैश आतंकी निसार तांत्रे को भारत के हवाले किया, पुलवामा में CRPF कैंप पर हमले में था शामिल
नई दिल्ली। यूएई ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी निसार तांत्रे को भारत को सौंप दिया है। तांत्रे, साल 2017 में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ कैंप में हुए आतंकी हमले में वॉन्टेड था। इस हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे। तांत्रे हमले का मुख्य साजिशकर्ता था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। भारत के अनुरोध पर तांत्रे को यूएई की अथॉरिटीज ने हिरासत में लिया था। 31 मार्च को तांत्रे को भारतीय एजेंसियों के हवाले किया गया है। कुछ ही हफ्तों पहले तांत्रे एजेंसियों से बचकर यूएई भाग गया था।
यह भी पढ़ें-पुलवामा हमले के बाद जम्मू श्रीनगर हाइवे की सुरक्षा के लिए नया सिक्योरिटी ग्रुप
31 मार्च को आया है भारत
दिसंबर 2017 में पुलवामा के लेतपोरा में जैश के आतंकियों ने सीआरपीएफ कैंप को निशाना बनाया था। एनआईए ने इससे पहले फरवरी में एनआईए ने लेतपोरा जैश के ऑपरेटिव को गिरफ्तार किया था। इस आतंकी ने हमले के लिए आतंकियों को सामान मुहैया कराया था। तांत्रे का भारत को प्रत्यर्पण इस बात का भी बड़ा उदाहरण है कि भारत के पश्चिमी एशिया के देशों खासतौर पर सऊदी अरब और यूएई के साथ सुरक्षा सहयोग कितनी तेजी से बढ़ रहा है। एनआईए सूत्रों की ओर से बताया गया है कि तांत्रे को रविवार को एक स्पेशल एयरक्राफ्ट से दुबई से भारत लाया गया। यहां पर उसे दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया। निसार तांत्रे, दिसंबर 2017 से ही फरार था।
वह भी एक फिदायीन हमला था
31 दिसंबर को रात करीब दो बजे जैश के तीन आतंकियों ने सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया था। भारी हथियारों से लैस आतंकियों ने सीआरपीएफ के लेतपोरा स्थित 185वीं बटालियन के कैंप पर पहले ग्रेनेड फेंके और फिर कैंप के अंदर दाखिल हो गए। एनआईए के मुताबिक निसार की गिरफ्तारी के लिए वारेंट भी जारी किया था। एनआईए ने तांत्रे को लेतपोरा हमले का मुख्य साजिशकर्ता करार दिया है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक तांत्रे, एक फरवरी को भागकर यूएई चला गया था। इंटेलीजेंसी एजेंसियां उसकी लोकेशन को लेकर कुछ भी पता नहीं लगा पा रही थी। इसके बाद भारत सरकार की ओर से इस मसले को यूएई की अथॉरिटीज के सामने उस समय तांत्रे को डिपोर्ट करने का अनुरोध किया जब भारत में जैश के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जा रही थी। लेतपोरा आतंकी हमला भी दरअसल एक फिदायीन हमला था।
तीन फिट के लेकिन खतरनाक आतंकी का भाई तांत्रे
निसार तांत्रे, जैश के कमांडर नूर मोहम्मद तांत्रे का भाई है। नूर मोहम्मद को जैश का सबसे खतरनाक आतंकी माना जाता है। बस तीन फिट का नूर मोहम्मद जानता था कि किसी भी आतंकी हमले को कितने खतरनाक तरीके से अंजाम देना है। एजेंसियों के मुताबिक नूर मोहम्मद ने घाटी के युवाओं को संगठन में शामिल करने में एक अहम रोल अदा किया था। नूर मोहम्मद को दिल्ली की कोर्ट ने 'मौत का व्यापारी' करार दिया था।
नूर मोहम्मद की मौत एजेंसियों के लिए सफलता
नूर मोहम्मद को साल 2017 के आतंकी हमले से पहले एनकाउंटर में ढैर कर दिया गया था। उसकी मौत को सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता माना गया था। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आतंकी हमले के लिए कार का इंतजाम करने वाले मुदासिर अहमद खान उर्फ मोहम्मद भाई को भी नूर मोहम्मद ने जैश में भर्ती किया था। 23 वर्ष का यह आतंकी इलेक्ट्रीशियन था। पुलवामा में 14 फरवरी को हुए हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।