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केरल के बाद कर्नाटक पहुंचा खतरनाक निपाह वायरस, मिले दो संदिग्‍ध मरीज

By Ankur Kumar Srivastava
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नई दिल्‍ली। खतरनाक निपाह वायरस के दस्तक ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है। इस इंफेक्शन ने केरल के कोझिकोड जिले को सबसे ज्यादा अपनी चपेट में लिया। यहां कई लोगों की मौत हो गई। लेकिन अब निपाह वायरस कर्नाटक पहुंच गया है। जानकारी के मुताबिक केरल के बाद कर्नाटक में दो लोगों को निपाह वायरस से संक्रमित होने की बात कही जा रही है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बीते 24 घंटों में निपाह वायरस का कोई संदिग्ध केस सामने नहीं आया है। हालांकि पड़ोसी कर्नाटक के मेंगलुरु में इसके दो संदिग्ध केस सामने आए हैं। फिलहाल अस्पताल में उपचार चल रहा है। ये दोनों ही मरीज केरल से हैं, उनमें से एक ने हाल ही में निपाह पीड़ित मरीज से मुलाकात की थी। इसी बीच खबर यह भी मिली है कि तमिलनाडु ने भी केरल से आए लोगों की जांच शुरू कर दी है, जबकि गोवा ने लोगों के लिए चेतावनी जारी की है। फिलहाल निपाह वायरस से निपटने के लिए टीम जुटी है। ऐसे में सरकार लोगों को एहतियात बरतने के लिए कह रही है।

क्‍या है निपाह वायरस

क्‍या है निपाह वायरस

निपाह वायरस का पहला मामला सबसे पहले सिंगापुर-मलेशिया में 1998 और 1999 में सामने आया था। ये सबसे पहले सुअर, चमगादड़ या अन्य जीवों को प्रभावित करता है और इसके संपर्क में आने से मनुष्यों को भी चपेट में ले लेता है। मलेशिया में सबसे पहले इसके लक्षण दिखाई दिए थे जब एक व्यक्ति को इस वायरस ने चपेट में लिया और उसकी मौत हो गई थी, उसी गांव के नाम पर इसको निपाह नाम दिया गया। इस वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्थलीय पशु स्वास्थ्य संहिता में लिस्टेड किया गया है।

कैसे फैलता है निपाह वायरस

कैसे फैलता है निपाह वायरस

निपाह वायरस मनुष्यों के संक्रमित सुअर, चमगादड़ या अन्य संक्रमित जीवों से संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस एन्सेफलाइटिस का कारण बनता है। यह इंफेक्‍शन फ्रूट बैट्स के जरिए लोगों में फैलता है। खजूर की खेती करने वाले लोग इस इंफेक्‍शन की चपेट में जल्‍दी आते हैं। 2004 में इस वायरस की वजह से बांग्लादेश में काफी लोग प्रभावित हुए थे।

क्या हैं इसके लक्षण और बचान के तरीके

क्या हैं इसके लक्षण और बचान के तरीके

इससे पीड़ित मनुष्य को इस इन्सेफलेटिक सिंड्रोम के रूप में तेज संक्रमण बुखार, सिरदर्द, मानसिक भ्रम, विचलन, कोमा और आखिर में मौत होने के लक्षण नजर आते हैं। मलेशिया में इसके कारण करीब 50 फीसदी मरीजों की मौत तक हो गई थी। मनुष्यों में, निपाह वायरस ठीक करने का एक मात्र तरीका है सही देखभाल। रिबावायरिन नामक दवाई वायरस के खिलाफ प्रभावी साबित हुई है। हालांकि, रिबावायरिन की नैदानिक प्रभावकारिता मानव परीक्षणों में आज तक अनिश्चित है। इसके अलावा संक्रमित सुअर, चमगादड़ या अन्य संक्रमित जीवों से दूरी बनाए रखें। हालांकि मनुष्यों या जानवरों के लिए कोई विशिष्ट एनआईवी उपचार या टीका नहीं फिलहाल मौजूद नहीं है। निपाह से संक्रमित होने का मामला मलेशिया के फर्म में भी सामने आया जहां एक सुअर को इस खतरनाक वायरस ने चपेट में लिया। जबकि बांग्लादेश और भारत में मनुष्यों से मनुष्यों ये वायरस फैलने के भी मामले सामने आये हैं। इसलिए, अस्पतालों में इस वायरस से संक्रमित मरीजों की देखभाल की जा रही है और बूचड़खानों से भी सैम्पल एकत्र किए जा रहे हैं।

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English summary
Two people suspected to be infected with the brain-damaging Nipah virus are under treatment in Karnataka, a health official said on Wednesday, after an outbreak of the rare virus in neighbouring Kerala state killed 10.
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