रक्षा मंत्री ने सुधार प्रक्रिया के तहत सेना में कई बड़े बदलावों को दी मंजूरी
नई दिल्ली। भारतीय सेना में सुधार की प्रक्रिया के तहत दो नई पोजीशन बनाई गई है। दोनों पोस्ट सेना के हेडक्वार्ट्स पर होंगी और इनका मकसद सेना के अंदर विजिलेंस और मानवाधिकार से जुड़े मुद्दों को देखना होगा। रक्षा मंत्रर निर्मला सीतारमण की ओर से पहले बैच को गुरुवार को मंजूरी दी गई है। इस प्रस्ताव में 229 ऑफिसर्स को हेडक्वार्ट्स के अलावा दूसरी जगहों पर तैनात किया जाएगा। इन ऑफिसर्स की तैनाती डिप्टी चीफ ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस एंड स्ट्रैटेजिक प्लानिंग के तहत होगी।
12 स्टडीज के बाद मिली मंजूरी
रक्षा मंत्री की ओर से गुरुवार को जिस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है, उसे 12 स्वतंत्र अध्ययनों के बाद फाइनल किया गया था। इन सभी स्टडीज में सेना को और ज्यादा मजबूत बनाने की बात कही गई थी। साथ ही इसमें सेना की युद्धक क्षमताओं में इजाफे से जुड़े प्रस्ताव भी शामिल हैं। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक रक्षा मंत्री ने पहले बैच को स्वीकृति दे दी है। कहा जा रहा है कि दिल्ली स्थित आर्मी हेडक्वार्ट्स पर तैनात ऑफिसर्स में से 20 प्रतिशत ऑफिसर्स को फॉरवर्ड लोकेशंस पर तैनात किया जाएगा जो चीन और पाकिस्तान के बॉर्डर पर हैं। इसके अलावा डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ स्ट्रैटेजी यानी डीसीओएएस की नई पोस्ट बनाई गई है। इस पोस्ट में मिलिट्री ऑपरेशंस, मिलिट्री इंटेलीजेंस, रणनीतिक योजना और ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स की जिम्मेदारी ऑफिसर पर होगी। वर्तमान समय में डीजी (मिलिट्री ऑपरेशंस) और डीजी (मिलिट्री इंटेलीजेंस) आर्मी चीफ को रिपोर्ट करते हैं।
मानवाधिकार और विजिलेंस यूनिट भी
इसके अलावा एक नई वॉरफेयर विंग को भी मंजूरी दे दी गई है। यह मंजूरी भविष्य में आने वाली चुनौतियों जैसे हाइब्रिड वॉरफेयर और सोशल मीडिया से निबटने के मकसद से दी गई है। सरकार ने दो अलग-अलग पोस्ट जैसे डीसीओएएस (योजना और रणनीति) और मास्टर जनरल ऑर्डनेंस (एमजीओ) को एक ही ऑफिस में विलय करने के लिए भी सहमति दे दी है। इन दोनों ही विजिलेंस और मानवाधिकार से जुड़ी जो दो नई ब्रांच लाई जाएंगी, उन्हें मेजर जनरल रैंक के ऑफिसर हेड करेंगे। नए एडीजी विजिलेंस, आर्मी चीफ को रिपोर्ट करेंगे। वहीं एडीजी, मानवाधिकार वीसीओएएस के साथ काम करेंगे। एडीजी विजिलेंस को नई विजिलेंस इनवेस्टिगेशन यूनिट की जिम्मेदारी भी दी जाएगी।