पश्चिम बंगाल में दो भाजपा सहयोगियों की हत्या, टीएमसी ने आरोपों से किया इनकार
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी और टीएमसी के बीच हिंसक झड़प खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को बराकपुर से भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने आरोप लगाया कि नजीमुल करीम को शुक्रवार को नॉर्थ 23 परगना के अमडांगाइलाके में बुरी तरह से पीटा गया था, जिसके बाद शनिवार को उनकी मौत हो हई। बता दें कि भाजपा से जुड़े दो कार्यकर्ताओं को शुक्रवार को मौत के घाट उतार दिया गया। अर्जुन सिंह ने कहा कि करीम भाजपा का सक्रिय कार्यकर्ता था। लोकसभा चुनाव में उसने हमारे लिए काम किया था। टीएमसी समर्थकों ने उसे सिर्फ इसलिए मार दिया क्योंकि वह सीपीआई से अलग होकर भाजपा के लिए काम करने लगा था।
टीएमसी ने आरोपों को खारिज किया
वहीं भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए टीएमसी नेता शौकत अली ने कहा कि इस घटना का कोई भी राजनीतिक लिंक नहीं है। उसकी मृत्यु शराब के नशे में एक व्यक्ति से झड़प के दौरान मारपीट की वजह से हुई है। नॉर्थ 24 परगना के डीएसपी कल्याण कुमार रॉय का कहना है कि हम मामले की सभी पहलुओं से जांच कर रहे हैं। शनिवार को पुलिस की ओर से कहा गया था कि गुस्साए गांव वालों ने पुलिस की गाड़ी को आग लगा दी थाी। स्थानीय लोगों का कहना है कि करीम की शुक्रवार रात डंडों से पिटाई की गई थी, जब वह दवा लेकर वापस घर जा रहा था।
इलाके में तनाव
इस घटना बाद इलाके में तनाव है। वहीं बर्दमान जिले के खंदगोश गांव में भी गोपाल पाल की हत्या के बाद तनाव काफी बढ़ गया है। गोपाल पाल स्थानी किराने की दुकान चलाता था। भाजपा नेता संदीप नंदी ने आरोप लगाया कि पाल भाजपा का समर्थक था, उसकी टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने ह त्या कर दी। टीएमसी नेता नबीन चंद्र बाग ने भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि मेरी ओर से इस घटना में कोई भी शामिल नहीं है। भाजपा गलत दावे कर रही है, पुलिस को इस मामले की जांच करने देना चाहिए।
कुल 20 लोगों की हत्या
खंदगोश पुलिस स्टेशन के सीओ का संदीप दास का कहना है कि हमे एक तौलिया मिली है, संभव है इसी से गला घोंटकर गोपाल पाल की हत्या की गई हो। इस घटना के बाद भाजपा सांसद सौमित्र खान ने कार्यकर्ताओं के साथ सड़क जाम किया और गोपाल पाल के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की। जिस तरह से भाजपा को दो कार्यकर्ताओं की हत्या की गई, उसके बाद प्रदेस में लोकसभा चुनाव घोषित होने के बाद कुल 20 लोगों को मौत के घाट उतारा जा चुका है।
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