Exclusive: आपस में 'लड़ते' लोकसभा में कांग्रेस के दो नेता
जानकारों का कहना है कि लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच किसी तरह का कामकाज में तालमेल नहीं दिखता। दोनों के संबंध में काफी ठंडे बताए जाते हैं। पिछले दिनों सदन में एक बहस के दौरान सिंधिया लोकसभा अध्यक्ष के वेल के पास पहुंच गए थे अपना विरोध दर्ज करवाने के लिए। यह खरगे को अच्छा नहीं लगा। उन्होंने खबर है कि इस बारे में सिंधिया से बात की। खरगे का तर्क है कि वे पार्टी के मुख्य सचेतक हैं। उन्हें इस तरह की हरकतों से बचना चाहिए। खरगे की इस राय से सिंधिया सहमत नहीं थे।
संवाद भी नहीं होता
जानकारों का कहना है कि खरगे और सिंधिया के बीच संवाद भी खासा कम होता है। खरगे दक्षिण भारत से आते हैं और सिंधिया उत्तर से। कहने वाले कह रहे रहे हैं कांग्रेस के दो अहम नेताओं की लोकसभा में तनातनी के चलते सत्तासीन एनडीए सरकार के लिए सदन में किसी तरह के विरोध की सारी संभावनाएं खत्म हो गई है।
वक्ता नहीं कांग्रेस के पास
कांग्रेस को लोकसभा इसलिए भी दिक्कत आ रही है कि उसके पास प्रखर वक्ता ही नहीं है। पिछली लोकसभा में उसके पी.चिदम्बरम, कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी जैसे शानदार वक्ता थे। ये सभी विपक्ष के तमाम आरोपों का बेहतरीन तरीके से जवाब दे देते थे। हां, राज्यसभा में उसके पास अब भी एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद ,जयराम रमेश वगैरह के रूप में ठीक वक्ता हैं।