AIIMS में भर्ती दो मरीजों ने बचाई 7 लोगों की जिंदगी, 48 घंटे में पूरी हुई प्रक्रिया
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में स्थित अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान एम्स (AIIMS) में भर्ती दो मरीजों ने 48 घंटे के भीतर सात लोगों का जीवन बचा लिया है। ब्रेन डेड मरीजों के परिजनों की काउंसलिंग के बाद अंगदान का फैसला लिया गया। इनमें से एक 26 वर्षीय यूपी के कासगंज का निवासी है और दूसरा 61 वर्षीय दिल्ली का निवासी। अस्पताल के अधिकारियों ने मंगलवार को इस बात की पुष्टि की है।
एम्स के डॉक्टरों ने दोनों लिवर, दो किडनी और दो दिल का प्रत्यारोपण किया। वहीं दो किडनी आरएमएल अस्पताल में भेजी गई। जहां दो मरीजों का किडनी प्रत्यारोपण हुआ। इसके अलावा अंगदान में मिले चारों कॉर्निया, चार हार्ट वाल्व और हड्डियां सुरक्षित टिश्यू बैंक में रखी गई हैं। जिसकी सहायता से अन्य जिंदगियां बचाने में मदद मिलेगी।
एम्स के मुताबिक 26 साल के सचिन नामक युवक को 13 फरवरी को एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। वह कासगंज में मजदूरी करता था। दूसरी मंजिल से गिरने के कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। 15 फरवरी को उसे डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया। एम्स के ऑर्बो (ऑर्गेन रीट्रिवल बैंकिंग ऑर्गेनाइजेशन) की प्रभारी डॉ. आरती विज ने बताया कि काउंसलिंग के बाद परिजनों ने अंगदान की अनुमति दी है। इसके बाद देर रात को दिल, लिवर, किडनी व दोनों कॉर्निया दान करने की प्रक्रिया पूरी हुई।
सचिन का दिल उसकी ही उम्र के एक लड़के को प्रत्यारोपित किया गया है, जबकि उसका लिवर 43 साल के व्यक्ति और किडनी 20 साल की लड़की को दी गई है। दोनों कॉर्निया सुरक्षित रखे गए हैं। वहीं, 61 साल के अनिल मित्तल के चार वॉल्व और दो कॉर्निया को सुरक्षित रखा है। दोनों लिवर और किडनी को एम्स और राम मनोहर लोहिया में भर्ती मरीजों के शरीर में प्रत्यारोपित किया है।
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