ट्विटर पर भिड़े कर्नाटक के CM बसवराज और सिद्धारमैया, मोरल पुलिसिंग पर दी नसीहत
बेंगलुरु, अक्टूबर 15: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के बीच ट्विटर पर पिछले दो दिनों से विवाद चल रहा है। मोरल पुलिसिंग पर बोम्मई की टिप्पणी राज्य में सियासत को गरमा दिया है। दरअसल बसवराज बोम्मई द्वारा सिद्धारमैया के शासनकाल में हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्या के आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के खिलाफ मानहानि का वाद दायर कर सकते हैं, लेकिन वह उन्हें सिर्फ खुद को दुरुस्त करने की सलाह दे रहे हैं।
बताते चलें कि, सिद्धारमैया पर निशाना साधते हुए बोम्मई ने कहा था, जब आप मुख्यमंत्री थे, तब आप हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्या करवा कर हिंदू-विरोध के प्रतीक बन गए थे, जैसा कि टीपू सुल्तान ने अपने शासनकाल में किया था। मुझे आपसे प्रशासन या पुलिसिंग सीखने की जरूरत नहीं है, हमारे पास कानून और व्यवस्था के लिए एक सक्षम पुलिस बल है जोकि आपके शासनकाल में निष्क्रिय हो गया था।
भाजपा को 'सांप्रदायिक पार्टी' करार हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने बोम्मई पर सिर्फ सत्ता और संविधान विरोधी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए भाजपा में शामिल होने का आरोप लगाया। सिद्धारमैया ने ट्वीट किया, बसवराज बोम्मई आपने एक अज्ञानी की तरह आरोप लगाया है कि मैंने हिंदुओं को मार डाला। कर्नाटक के मुख्यमंत्री होने के नाते, आपको इस तरह की भद्दी टिप्पणी करने से पहले सोचना चाहिए था। मैं इसके लिए मानहानि का मुकदमा दायर कर सकता हूं लेकिन मैं आपको सिर्फ खुद को दुरुस्त करने की सलाह दूंगा।
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एक अन्य ट्वीट में सिद्धारमैया ने कहा, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, आपने कहा है कि आपको मुझसे प्रशासन या पुलिसिंग सीखने की जरूरत नहीं है। धन्यवाद। अगर आपने अपने पिता एस आर बोम्मई (पूर्व मुख्यमंत्री) या मुझसे कुछ सीखा होता, तो आप सिर्फ सत्ता और संविधान विरोधी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए सांप्रदायिक पार्टी में शामिल नहीं होते। सिद्धारमैया बुधवार को बोम्मई द्वारा किए गए ट्वीट का जवाब दे रहे थे, जिनमें मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धारमैया की और उनके कार्यकाल की आलोचना की थी।