तूतीकोरिन पिता-पुत्र टॉर्चर केस: आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या के तहत चलेगा मुकदमा
नई दिल्ली। तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में पुलिस हिरासत में कथित रूप से हुई पिता-पुत्र की मौत के मामले मे तूल पकड़ लिया है। इस मामले पर अब मद्रास हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। बता दें कि हाईकोर्ट ने तमिलनाडु में दो पुलिस अधिकारियों और एक कांस्टेबल को मामले में तलब किया था। कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक सी प्रतापन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डी कुमार और पुलिस कांस्टेबल महाजन को आज (मंगलवार) अदालत में पेश होने के लिए कहा था। इस बीच मंगलवार को मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने क्राइम ब्रांच-क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CB-CID) के डीएसपी अनिल कुमार को तूतिकोरिन में हिरासत में हुई पिता-पुत्र की मौत के मामले में जांच करने का आदेश दिया है। वहीं, तूतुकुड़ी के एसपी को उनके पद से हटा दिया गया है।
मजिस्ट्रेट
को
धमकाया
कथित
रूप
से
तमिलनाडु
पुलिस
कस्टडी
में
हुए
पी.
जयराज
और
उनके
पुत्र
जे.
बिनिक्स
की
मौत
के
बाद
दे
राज्यभर
में
आक्रोश
है।
लोगों
ने
आरोपी
पुलिसकर्मियों
के
खिलाफ
जांच
और
कड़ी
सजा
की
मांग
की
है।
इसी
बीच
मद्रास
हाईकोर्ट
द्वारा
नियुक्त
मजिस्ट्रेट
ने
अदालत
को
लिखा
है
कि
आरोपी
पुलिसकर्मी
जांच
में
बाधा
डालने
का
प्रयास
कर
रहे
हैं
साथ
ही
संबंधित
थाने
के
अधिकारियों
ने
सबूत
भी
नष्ट
कर
दिए
थे।
इतना
ही
नहीं
उन्होंने
मजिस्ट्रेट
और
जांच
टीम
को
धमकाने
की
भी
कोशिश
की
थी।
मजिस्ट्रेट
ने
यह
भी
बताया
कि
कांस्टेबल
महाजन
ने
उनसे
कहा
कि
'आप
हमें
कुछ
नहीं
कर
सकते'।
Recommended Video
अदालत
ने
लिया
संज्ञान
मजिस्ट्रेट
की
इस
शिकायत
पर
संज्ञान
लेते
हुए
अब
मद्रास
हाई
कोर्ट
ने
पुलिस
स्टेशन
पर
नियंत्रण
को
लेकर
भी
बड़ा
आदेश
दिया
है।
सोमवार
को
सथानकुलम
जिला
मजिस्ट्रेट
ने
कहा
था
कि
जिला
पुलिस
प्रशासन
मामले
की
मजिस्ट्रेट
जांच
को
रोक
रहा
है।
सूत्रों
के
अनुसार,
मजिस्ट्रेट
अदालत
ने
घटना
में
आपराधिक
अवमानना
का
मामला
दर्ज
किया
है।
जज
ने
कहा
कि
जब
तक
पुलिस
स्टेशन
के
शीर्ष
पुलिस
अधिकारियों
का
ट्रांसफर
नहीं
किया
जाता
है,
तब
तक
जांच
स्वतंत्र
और
निष्पक्ष
नहीं
हो
सकती।
क्या
है
मामला?
तूतीकोरीन
में
पुलिस
ने
पी.
जयराज
(59)
और
उनके
बेटे
फेनिक्स
(31)
को
गिरफ्तार
किया
था।
इनपर
आरोप
था
कि
इन्होंने
लॉकडाउन
के
दौरान
अपनी
फोन
की
दुकान
नियमों
का
उल्लंघन
करते
हुए
खोले
रखी।
निर्धारित
समय
से
अधिक
देर
तक
दुकान
खोलने
के
आरोप
में
दोनों
के
खिलाफ
केस
दर्ज
किया
गया।
आरोप
है
कि
इनके
साथ
जेल
में
मारपीट
हुई
और
इन्हें
यातनाएं
दी
गईं।
कोविलपट्टी
के
एक
अस्पताल
में
इनकी
मौत
हो
गई।
बीते
सोमवार
को
बेनिक्स
की
मौत
हुई,
वहीं
जयरात
की
मौत
मंगलवार
को
हुई।
इस
घटना
के
बाद
से
लोगों
में
काफी
गुस्सा
है।
सभी
दोषी
पुलिसकर्मियों
के
खिलाफ
सख्त
एक्शन
की
मांग
कर
रहे
हैं।
यह भी पढ़ें: कोरोना संकट और चीन के साथ तनाव के बीच आज देश को संबोधित करेंगे PM मोदी, जानिए क्यों है अहम