क्या किसान आंदोलन पर 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' ने कर लिया कब्जा, रविशंकर प्रसाद का बड़ा दावा
नई दिल्ली- केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने किसानों से सरकार की बातचीत नाकाम रहने को लेकर एक बहुत बड़ा दावा किया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा है कि इस बात के सबूत हैं कि किसानों की ओर से जारी विरोध प्रदर्शनों पर टुकड़े-टुकड़े गैंग ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने दावा किया है कि इसमें घिनौनी साजिश छिपी हुई है। रविशंकर प्रसाद से पहले दो और वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर और प्रकाश जावड़ेकर भी ऐसे ही दावे कर चुके हैं। कल एक केंद्रीय मंत्री ने इस आंदोलन के पीछे पाकिस्तान और चीन का हाथ बताया था। उधर कुछ खुफिया सूचनाएं भी मिल रही हैं, जो इसी ओर इशारा कर रही हैं।
'संभव है कि टुकड़े-टुकड़े गैंग के चलते टूटी बातचीत'
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दावा किया है कि सरकार के साथ किसानों की बातचीत इसलिए नाकाम हुई, क्योंकि अब किसान आंदोलन पर 'देश-विरोधी' ताकतें हावी हो गई हैं ।उनके मुताबिक, 'यह संभव है कि बातचीत (सरकार और किसान संगठनों के बीच) उन्हीं की वजह से फेल हुई है।' रविशंकर प्रसाद गुरुवार को किसानों के प्रदर्शन वाली जगह पर कई गंभीर अपराधों के आरोपी शरजील इमाम, उमर खालिद और गौतम नवलखा जैसे लोगों के समर्थन वाले पोस्टरों की मौजूदगी को लेकर सवालों का जवाब दे रहे थे। आज रविशंकर प्रसाद से पहले दो और केंद्रीय मंत्रियों कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रकाश जावड़ेकर ने भी इसी तरह के दावे किए थे।
यह खतरनाक है- केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार किसानों के साथ बातचीत के लिए तैयार है और उसने उनकी कई मांगों को स्वीकार भी कर लिया है, 'लेकिन, जब हम उनसे बातचीत करते हैं, वो कहते हैं कि वे शरजील इमाम जैसे लोगों की रिहाई चाहते हैं। मैं समझता हूं कि किसान संगठनों की जगह अब यह विरोध देश को तोड़ने के लिए काम करने वाले संगठनों के हाथों में जा चुका है।' इसी तरह कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि एमएसपी, एपीएमसी किसानों के मुद्दे हो सकते हैं, 'लेकिन, वैसे पोस्टर दिखाने का क्या मतलब है।......यह खतरनाक है और किसान संगठनों को इससे खुद को अलग रखना चाहिए। यह सिर्फ मुद्दे से ध्यान भटकानाने के लिए है।'
चीन-पाकिस्तान का हाथ- केंद्रीय मंत्री
एक दिन पहले ही एक और केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने दावा किया था कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है। उन्होंने महाराष्ट्र में कहा था, 'जो आंदोलन चल रहा है वह किसानों का नहीं है। इसके पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है। पहले देश के मुसलमानों को उकसाया गया था। उनसे क्या कहा गया था? एनआरसी आ रहा है, सीएए आ रहा है और 6 महीने के भीतर मुसलमानों को यह देश छोड़ना पड़ेगा। क्या एक भी मुसलमान ने छोड़ा? वो कोशिशें सफल नहीं हुईं और अब किसानों से कहा जा रहा है कि उन्हें नुकसान होगा। यह दूसरे देशों की साजिश है।'
किसानों का आंदोलन हाइजैक?
दूसरी ओर खुफिया सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार को ऐसी रिपोर्ट भेजी गई है, जिसमें इस आंदोलन को 'उग्र वामपंथी' और 'वामपंथी उग्रवादी' तत्वों ने किसानों के आंदोलन को हाइजैक कर लिया है। सूत्रों ने यहां तक दावा किया है कि 'भरोसेमंद इंटेलिजेंस इनपुट' है कि ऐसे तत्व किसानों को उसकाने की योजना बना रहे हैं, ताकि आने वाले दिनों में हिंसा भड़के और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचे। बता दें कि जनवरी में एक आरटीआई आवेदन में केंद्रीय गृहमंत्रालय ने कहा था कि टुकड़े-टुकड़े गैंग को लेकर कोई जानकारी नहीं है।
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