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काले कोट और टाई में नहीं दिखेंगे TTE, रेलवे ने जारी की गाइडलाइंस

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नई दिल्ली। रेलवे ने एक जून से चलने वाली 200 ट्रेनों के टीटीई के लिए शुक्रवार को गाइडलाइन जारी कर दी। रेलवे की ओर से कोरोना वायरस के बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि, टीटीई अपने पारंपरिक काले कोट और टाई का इस्तेमाल ना करें। 167 साल के इतिहास में पहली बार रेलवे के ट्रेन पर सवार टिकट चेकिंग स्टाफ अपने परंपरागत काले कोट और टाई में नहीं दिखाई देगा।

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पीपीई किट पहने नजर आएगा टिकट चैकिंग स्टाफ

पीपीई किट पहने नजर आएगा टिकट चैकिंग स्टाफ

रेलवे की ओर से जारी दिशा निर्देशो के अनुसार, 'कोरोना संक्रमण को रोकने अथवा उसके खतरे को कम करने के मद्देनजर टिकट जांच करने वाले कर्मचारियों के लिये कोट और टाई की अनिवार्यता समाप्त की जा सकती है। हालांकि, वह इस दौरान अपने नाम ओर पद अंकित बैज पहने रहेंगे। इसके अलावा ट्रेनों में टिकटों की जांच करने वाले सभी टीटीई कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये उन्हें पर्याप्त संख्या में मास्क, फेस शील्ड, दस्ताने, सिर ढंकने का कवर, सेनेटाइजर, साबुन समेत अन्य वस्तुएं मुहैया करायी जायेंगी।

टीटीई को मैग्नीफाइंग ग्लास उपलब्ध कराए जा सकते हैं

टीटीई को मैग्नीफाइंग ग्लास उपलब्ध कराए जा सकते हैं

रेलवे की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया कि, टिकट में जानकारियां जांचते समय किसी तरह का शारीरिक संपर्क न हो इसके लिए जहां तक संभव होगा टीटीई को मैग्नीफाइंग ग्लास उपलब्ध कराए जा सकते हैं, जिससे टीटीई बिना टिकट को छुए सुरक्षित दूरी से टिकट पर दर्ज जानकारियों की जांच कर सके। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों और प्रवासी मजदूरों की स्थिति बताने के लिए रेलवे बोर्ड ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने बताया कि 20 मई तक रेलवे ने 279 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाईं। रेलवे ने राज्यों की हर मांग को पूरा किया। रोज करीब 3 लाख लोगों को उनके घर पहुंचाया गया।

मौजूद कर्मचारी मजदूरों के खाने-पीने की व्यवस्था

मौजूद कर्मचारी मजदूरों के खाने-पीने की व्यवस्था

रेलवे ने राज्यों से अनुरोध किया है कि वे मजदूरों के रजिस्ट्रेशन का काम शुरू करें। रेलवे पूरी तरह से मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए तैयार हैं। 80% मजदूर यूपी और बिहार में गए हैं। हमने रेलवे में सफर के लिए जो प्रोटोकॉल बनाए थे वे सफल साबित हुए हैं। अब तक हम 52 लाख लोगों को पहुंचा चुके हैं। ट्रेन के ओरिजनेटिंग स्टेट और रेलवे रूट पर मौजूद कर्मचारी मजदूरों के खाने-पीने की व्यवस्था कर रहे हैं। इसके साथ ही स्वयंसेवी संस्थाएं भी इस काम में जुटी हैं।

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English summary
TTE will now not be required to wear their customary black coats and ties
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