370 का विरोध करने पर 'अखिलेश की गिरफ़्तारी' का सच: फ़ैक्ट चेक
सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा हैं कि 'धारा-370 हटाए जाने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने पर यूपी पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और थाने ले गई'.
क़रीब डेढ मिनट के इस वीडियो में दिखाई देता है कि कुछ पुलिसवालों ने अखिलेश यादव को घेर रखा है और उनके बीच लगातार तीखी बहस हो रही है.
सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा हैं कि 'धारा-370 हटाए जाने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने पर यूपी पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और थाने ले गई'.
क़रीब डेढ मिनट के इस वीडियो में दिखाई देता है कि कुछ पुलिसवालों ने अखिलेश यादव को घेर रखा है और उनके बीच लगातार तीखी बहस हो रही है.
इस वीडियो में अखिलेश यादव को कहते सुना जा सकता है कि "आप देखिये, अब ये लोग इस तरह गिरफ़्तारी करेंगे. ये कौनसा तरीक़ा हैं. आप लोग मुझे प्रेस से क्यों नहीं बात करने देंगे"
अखिलेश यह भी कहते हैं, "पहले दिन से समाजवादी पार्टी कहती आयी है और मैं आज भी कहता हूँ कि ज़ोर ज़बरदस्ती और ज़ुल्म करके ये अन्याय रोक नहीं सकती. ये पार्टी का प्रदर्शन चलता रहेगा."
इसके बाद वायरल वीडियो में एक पुलिस अधिकारी अखिलेश को कार में बैठाकर ले जाते दिखाई देते हैं.
सोशल मीडिया पर अब तक इस वीडियो को तीन लाख से ज़्यादा बार देखा जा चुका है और हज़ारों बार इसे शेयर किया गया है.
'ज्ञान की बातें' नाम के एक फ़ेसबुक पेज ने यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि 'घसीटते हुए अखिलेश को थाना ले जाया गया. 370 के ख़िलाफ़ कर रहे थे प्रदर्शन'. अकेले इस पेज से यह वीडियो साढे तीन हज़ारा से ज़्यादा बार शेयर किया गया है.
लेकिन बीबीसी ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो काफ़ी पुराना है और इसका जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति से कोई संबंध नहीं है.
कब का है वीडियो?
रिवर्स इमेज सर्च से पता चलता है कि ये वायरल वीडियो मार्च 2011 का है.
उस समय उत्तर प्रदेश में मायावती की सरकार थी और अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे.
इस घटना से संबंधित जो मीडिया रिपोर्ट्स इंटरनेट पर मिलती हैं, उनके अनुसार यह घटना लखनऊ एयरपोर्ट के बाहर हुई थी.
इन रिपोर्ट्स के मुताबिक़ तत्कालीन प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ तीन दिन का विरोध प्रदर्शन करने के लिए अखिलेश यादव ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील की थी.
अखिलेश यादव 9 मार्च 2011 को जब दिल्ली से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए लखनऊ पहुँचे तो एयरपोर्ट के बाहर ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
इस घटना पर यूपी प्रशासन ने यह दलील दी थी कि विरोध प्रदर्शन से प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है. इसी के मद्देनज़र अखिलेश यादव को हिरासत में लिया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अखिलेश यादव की गिरफ़्तारी के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया था और यूपी में कई जगहों से सपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प की ख़बरें आई थीं.
370 पर सपा का रुख?
जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी किये जाने के फ़ैसले पर जब 5 और 6 अगस्त को संसद में बहस और वोटिंग हुई थी, तब समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध किया था.
राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने बिल का विरोध किया था तो पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ख़ुद लोकसभा में हुई बहस के दौरान घाटी से 370 हटाए जाने के तरीक़े पर सवाल उठाये थे.
लोकसभा में जब अनुच्छेद-370 पर वोटिंग हुई तो समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट किया था.