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किसान को पीटते अफ़सर के वायरल वीडियो का सच

सोशल मीडिया पर एक आदमी को पीटे जाने का वीडियो इस दावे के साथ फैलाया जा रहा है कि 'एसडीएम स्तर के एक अधिकारी ने एक किसान को अपने ऑफ़िस में पीटा'.

वीडियो को शेयर करने वालों ने इस वीडियो को अधिक से अधिक फैलाने की अपील की है.

इस वायरल वीडियो में दिखाई देता है कि एक शख़्स हाथ जोड़े कुछ लोगों से माफ़ी माँग रहा है 

By फ़ैक्ट चेक टीम, बीबीसी न्यूज़
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सोशल मीडिया पर एक आदमी को पीटे जाने का वीडियो इस दावे के साथ फैलाया जा रहा है कि 'एसडीएम स्तर के एक अधिकारी ने एक किसान को अपने ऑफ़िस में पीटा'.

वीडियो को शेयर करने वालों ने इस वीडियो को अधिक से अधिक फैलाने की अपील की है.

इस वायरल वीडियो में दिखाई देता है कि एक शख़्स हाथ जोड़े कुछ लोगों से माफ़ी माँग रहा है जबकि दूसरी तरफ़ सफ़ेद कमीज़ पहने एक शख़्स अपने सहयोगियों की मदद से उसे पीट रहा है. जिस कमरे में यह सब हो रहा है, वह देखने में एक सरकारी दफ़्तर लगता है जिसमें कुछ और लोग भी मौजूद हैं.

बीबीसी के 100 से ज़्यादा पाठकों ने वॉट्सऐप के ज़रिए यह वीडियो हमें भेजा है और इसकी सच्चाई जाननी चाही है.

लेकिन इन पाठकों ने वीडियो के साथ जो दावे शेयर किए हैं, उनमें इस वीडियो को हरियाणा, राजस्थान, यूपी और कुछ में मध्य प्रदेश का भी बताया गया है.

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रिवर्स सर्च के ज़रिए हमने पाया कि सोशल मीडिया पर इस वीडियो को बीते कुछ दिनों में 10 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है.

वीडियो को अधिकांश जगह एक जैसे मैसेज के साथ पोस्ट किया गया है और ये मैसेज है: "SDM से पिटाई का वीडियो पूरे भारत में फैलाना चाहिए. एक किसान को पीट रहा है. ज़रा सी दया-धर्म हो तो इस वीडियो को पूरे भारत में फैला दो और कल तक इसकी न्यूज़ आनी चाहिए, इसे सजा होनी चाहिए."

इस वीडियो की पड़ताल में हमने एक अधिकारी से दफ़्तर में आए फ़रियादी को पीटे जाने की इस घटना को सही पाया और हमें यह भी पता चला कि ये मामला एक साल पहले ख़बरों में रह चुका है जिसके बाद अफ़सर के ख़िलाफ़ कार्रवाई भी की गई थी.

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वीडियो का सच

अपनी पड़ताल में हमने पाया कि ये वीडियो राजस्थान के करौली ज़िले में स्थित टोडाभीम कस्बे का है.

इसी कस्बे के कमालपुरा गाँव में स्थित 'अटल सेवा केंद्र' में 12 जून 2018 को 'न्याय आपके द्वार' कार्यक्रम की मीटिंग बुलाई गई थी.

'न्याय आपके द्वार' लोक अदालतों के ढांचे पर आधारित राजस्थान सरकार की एक स्कीम है जिसके तहत जगह-जगह शिविर लगाए जाते हैं और प्रशासनिक अधिकारी स्थानीय लोगों से मिलते हैं और उनकी समस्याओं की सुनवाई करते हैं.

रिवर्स सर्च के ज़रिए हमें इस घटना से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं जिनके अनुसार एसडीएम जगदीश आर्य ने जन-सुनवाई के दौरान प्रकाश मीणा नाम के एक शख़्स की पिटाई कर दी थी.

इन रिपोर्ट्स के अनुसार प्रकाश को सरकारी दफ़्तर में बदसलूकी करने के आरोप में 24 घंटे की पुलिस हिरासत में भी भेजा गया था.

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मारपीट के बाद क्या हुआ?

प्रकाश मीणा ने इस घटना के बाद ये दावा किया था कि उन्होंने एसडीएम के सामने गाँव में सड़क निर्माण की माँग रखी थी जिससे वो भड़क उठे.

जबकि एसडीएम जगदीश आर्य ने अपने बचाव में कहा था कि प्रकाश मीणा ने जन-सुनवाई के दौरान दफ़्तर में अपशब्दों का इस्तेमाल किया था जिसकी वजह से हंगामा हुआ. आर्य ने कहा था कि घटना का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें कहानी का सिर्फ़ एक ही सिरा दिखाई देता है.

साल 2018 में हुई इस घटना के बाद राजस्थान के वॉट्सऐप ग्रुप्स में इस वीडियो को काफ़ी शेयर किया गया था. लेकिन अब इसे अलग-अलग जगहों का बताकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जा रहा है.

इस मामले में आगे क्या कार्रवाई हुई? यह जानने के लिए हमने एसडीएम जगदीश आर्य से ही बात की.

उन्होंने बताया कि जून 2018 में हुई उस घटना के बाद राजस्थान सरकार ने तत्काल प्रभाव से उनका तबादला कर दिया था. साथ ही प्रकाश मीणा ने उनके ख़िलाफ़ पुलिस केस दर्ज किया था जिसकी कोर्ट में सुनवाई चल रही है.

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English summary
Truth of the viral video of the farmer beaten up by officer
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