मध्यप्रदेश में आयकर विभाग को मिले 'कालेधन' के वायरल वीडियो का सच
ट्विटर पर दक्षिणपंथी रुझान वाले कुछ लोग एक पुराने वीडियो को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के सचिव के घर बरामद हुए नोटों का बताकर शेयर कर रहे हैं और ये दावा कर रहे हैं कि आयकर विभाग का छापा पड़ने के बाद नोटों के ढेर को जलाने की कोशिश की गई थी.
ट्विटर पर दक्षिणपंथी रुझान वाले कुछ लोग एक पुराने वीडियो को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के सचिव के घर बरामद हुए नोटों का बताकर शेयर कर रहे हैं और ये दावा कर रहे हैं कि आयकर विभाग का छापा पड़ने के बाद नोटों के ढेर को जलाने की कोशिश की गई थी.
इस वीडियो में गुलाबी नोटों का एक ढेर छोटी ट्रॉली पर रखा हुआ दिखाई देता है और दूसरी तरफ़ रखे हरे-गुलाबी नोटों के ढेर को देखकर लगता है कि किसी ने उसमें आग लगाने की कोशिश की हो.
आयकर विभाग ने शनिवार रात क़रीब ढाई बजे मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ और उनके पूर्व सलाहकार आर के मिगलानी के कई ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई शुरू की थी.
आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार बीते दो दिनों में भोपाल, इंदौर, गोवा और दिल्ली-एनसीआर के 52 ठिकानों पर इस संबंध में छापे मारे गये हैं.
Searches in Delhi (group of a close relative of the senior functionary) have further led to seizure incl. cash book recording unaccounted transactions of ₹ 230cr, siphoning off money through bogus billing of more than ₹ 242 cr & evidence of more than 80 companies in Tax havens.
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) 8 April 2019
आयकर विभाग का दावा है कि छापेमारी में उन्हें 14.6 करोड़ रुपये नक़द में मिले हैं. साथ ही एक बड़े रैकेट के ज़रिए 281 करोड़ रुपये के अवैध लेनदेन का पता चला है.
लेकिन जिस वायरल वीडियो को आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद का बताया जा रहा है, वो फ़र्ज़ी है.
फ़र्ज़ी दावा
ट्विटर पर @RohiniShah73 नाम के एक यूज़र ने यह पुराना वीडियो सोमवार को इसी ग़लत दावे के साथ शेयर किया था.
क़रीब 60 हज़ार बार उनके ट्वीट में लगा यह वीडियो देखा जा चुका है. सैकड़ों लोग इसे शेयर कर चुके हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली बीजेपी के महासचिव कुलजीत सिंह भी इस यूज़र को ट्विटर पर फ़ॉलो करते हैं.
'चौकीदार रोहिणी' नाम के इस यूज़र के दावे को शब्दश: कई अन्य लोगों ने कॉपी किया है.
जिन्होंने इसे कॉपी किया है, उनमें से अधिकांश लोगों के नाम के साथ 'चौकीदार' लिखा हुआ है.
बीजेपी द्वारा सोशल मीडिया पर चलाए गये 'मैं भी चौकीदार' कैंपेन के बाद पार्टी के समर्थकों ने अपने नाम के आगे चौकीदार जोड़ा था. हालांकि इनमें से कितने अकाउंट फ़र्ज़ी हैं और कितने सही, बीबीसी इसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं कर सकता है.
लेकिन वायरल वीडियो के साथ इन लोगों ने जो दावा किया है, वो बिल्कुल फ़र्ज़ी है.
ट्विटर के अलावा दक्षिणपंथी रुझान वाले 'नमो फ़ैन' और 'नरेंद्र मोदी 2019' जैसे फ़ेसबुक पन्नों पर भी यह वीडियो इसी ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया है.
कई लोगों ने वॉट्सऐप के ज़रिए बीबीसी को यह वीडियो भेजा है और इस वीडियो की हक़ीक़त जाननी चाही है.
वीडियो की सच्चाई
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो फ़रवरी 2018 का है.
वीडियो में नोटों का जो ढेर दिखाई देता है वो दरअसल कला का एक नमूना है जिसे लकड़ी के बोर्ड पर पेंसिल से रंग भरकर स्पेन के कलाकार अलेजांद्रो मोंगे ने अपने हाथों से तैयार किया था.
कलाकार के अनुसार यह एक थ्री-डी पेंटिंग है जिसे देखकर लगता है कि पुराना नोटों का कोई ढेर है.
स्पेन में होने वाले 'आर्ट मैड्रिड फ़ेयर' में 21 से 25 फ़रवरी 2018 के बीच इस आर्ट पीस को जनता के सामने रखा गया था.
समाचार एजेंसी एएफ़पी को दिए एक इंटरव्यू में अलेजांद्रो मोंगे ने बताया था कि आर्ट फ़ेयर में आए किसी दर्शक ने यह वीडियो बनाया था.
इंस्टाग्राम पर अलेजांद्रो मोंगे ने इस आर्ट पीस से जुड़े कई फ़ोटो और वीडियो शेयर किये हुए हैं.
इसी साल फ़रवरी में अलेजांद्रो मोंगे ने यह वीडियो दोबारा इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था और लिखा था कि वीडियो में दिख रहे 500 यूरो के नोट हाथ से पेंट किये गए थे.
उन्होंने लिखा था, "इंटरनेट पर कहाँ की चीज़ कहाँ जाकर वायरल हो जाये, इसका पता नहीं लगाया जा सकता. लोगों को सच्चाई पता नहीं होती पर वो उसे शेयर करने लगते हैं."
यह पहली बार नहीं है जब इस वीडियो को किसी घटना से जोड़ा गया है.
भारत से पहले रूस, कैमरून, स्पेन और पाकिस्तान में भी इस वीडियो के आधार पर कई बेबुनियाद दावे किए गए हैं और 'नोटों के ढेर' की इस पेंटिंग को किसी संस्था या शख़्स के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया जा चुका है.
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