सीएम योगी पर नग्न तस्वीर शेयर करने के आरोप का ये रहा पूरा सच
लक्ष्मी ओरंग ने सीएम योगी पर आरोप लगाया है कि योगी आदित्यनाथ तथ्यों की जानकारी लिए बिना सोशल मीडिया पर कमेंट किया था।
नई दिल्ली। असम की आदिवासी महिला ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और बीजेपी सांसद राम प्रसाद सरमा पर पर उनकी नग्न तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करने का आरोप लगाया है। महिला का नाम लक्ष्मी ओरंग है। उन्होंने सब-डिविजनल ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट की कोर्ट में मामला दर्ज कराया है। हालांकि, पुलिस की जांच में सामने आए तथ्य कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। आइए बताते हैं आपको पूरे मामले की सच्चाई....
क्या हैं महिला के आरोप
लक्ष्मी ओरंग ने सीएम योगी पर आरोप लगाया है कि योगी आदित्यनाथ तथ्यों की जानकारी लिए बिना सोशल मीडिया पर कमेंट किया था। महिला के मुताबिक, योगी कमेंट किया था, 'बीजेपी की रैली पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमला किया।' ओरंग के अनुसार मामला 2007 का है, जब गुवाहाटी में रैली हुई थी, इसी रैली के दौरान उनकी नग्न तस्वीर खींचे जाने की बात कही जा रही है। सीएम योगी पर सोशल मीडिया पोस्ट में भड़काऊ बातें लिखने का भी आरोप है।
ओरंग ने किया ये दावा
ओरंग का यह भी दावा है कि 2007 की उस गुवाहाटी रैली में वह किसी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल नहीं हुई थी, बल्कि आदिवासी समुदाय को शिड्यूल ट्राइब का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर विरोध कर रही थी। महिला का आरोप है कि सीएम योगी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में ऐसा दावा किया था कि वह बीजेपी की तरफ से प्रदर्शन में शामिल हुई थी।
दो लाइनों में ये है कहानी सार
कुल मिलाकर महिला का आरोप है कि बीजेपी ने उसकी नग्न तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर लोगों की भावनाओं को भड़काया। इस मामले में दो लोगों पर आरोप है- सीएम योगी और बीजेपी सांसद राम प्रसाद सरमा। पहले सरमा की बात कर लेते हैं, उसके बाद सीएम योगी के आरोपों का सच आपको बताते हैं।
बीजेपी एमपी ने मानी फोटो शेयर करने की बात
बीजेपी एमपी राम प्रसाद सरमा ने महिला के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। अपने बयान में उन्होंने स्वीकार किया है कि उन्होंने फोटो शेयर की थी, क्योंकि यह दुखद घटना घटी थी।
सरमा ने कहा, 'मैंने तस्वीर शेयर की, ताकि लोगों को इस घटना के बारे में पता चले। पीडि़त के साथ बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी और उसे अभी तक न्याय नहीं मिला।'
बीजेपी सांसद ने अपनी सफाई में कहा, 'मैंने शेयर की गई तस्वीर पर कोई कमेंट नहीं किया था। उन्होंने कहा, 'कुछ दिनों पहले मैंने असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल से इस संबंध में बात की थी और उनसे केस को रीओपन करने के लिए कहा था।
सीएम योगी पर लगे आरोपों पर क्या कहती है असम पुलिस
असम के एडिश्नल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (स्पेशल ब्रांच) पल्लब भट्टाचार्य ने कहा, 'जांच में पाया गया है कि लक्ष्मी ओरंग को पीटे जाने और कपड़े फाड़कर नग्न करते दिखाए जाने वाली तस्वीर को जिस फेसबुक अकाउंट से शेयर किया गया वह फेक है। यह अकाउंट उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम पर बनाया गया था।' भट्टाचार्य ने कहा, 'इस मामले की जांच में हम यूपी पुलिस से भी मदद लेंगे।'
किसने खींची थी लक्ष्मी ओरंग की नग्न तस्वीर
जानकारी के मुताबिक, 2007 में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान लक्ष्मी ओरंग की नग्न तस्वीर को ऑल आदिवासी स्टूडेंट एसोसिएशन ऑफ असम (AASAA)ने खींचा था। जिस विरोध प्रदर्शन के दौरान यह तस्वीर खींची गई, वह 24 नवंबर 2007 को गुवाहाटी के बेलटोला में हुआ था।
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