सचिन तेंदुलकर के 'भाजपा समर्थक' होने का सच
ये ट्रेन अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक के कई तीर्थस्थलों के दर्शन के लिए शुरू की गई है.
लेकिन इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है कि "अपने भारत में पहली बार रामायण एक्सप्रेस चली है वरना अभी तक को निज़ामुद्दीन एक्सप्रेस ही चलती देखी हैं."
कुछ लोगों ने इसे सरकार की एक बड़ी उपलब्धि बताया है.
भगवा वस्त्रों में सचिन तेंदुलकर की एक तस्वीर भारतीय जनता पार्टी के एक गैर-आधिरकारिक पोस्टर पर छापी गई है.
इस पोस्टर को दक्षिणपंक्षी रुझान वाले कुछ फ़ेसबुक पेज इस्तेमाल कर रहे हैं. कुछ जगहों पर ये दावा भी किया गया है कि सचिन तेंदुलकर ने भाजपा के समर्थन का ऐलान किया है.
इस पोस्टर पर कमल का निशान भी है जिसपर 'सपोर्ट नमो' लिखा है. कमल का निशान भाजपा का चिह्न है और भगवा वस्त्रों को पार्टी प्रमोट करती रही है.
कांग्रेस पार्टी ने साल 2012 में सचिन तेंदुलकर को मनोनीत राज्यसभा सांसद बनाया था. हालांकि संसद में बेहद कम अटेंडेंस के कारण उनकी काफ़ी आलोचना हुई थी.
अब बात उस तस्वीर की जिसे इस पोस्टर पर छापा गया है.
ये तस्वीर 24 अप्रैल 2015 की है और सचिन के 42वें जन्मदिन पर इसे खींचा गया था.
सचिन अपने जन्मदिन पर पूरे परिवार के साथ मुंबई स्थित श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर गए थे और उन्होंने भगवा कुर्ता पहना हुआ था.
सिद्धिविनायक मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर मंदिर के ट्रस्टी महेश मुदलियर और मंगेश शिंदे के साथ सचिन तेंदुलकर की अन्य तस्वीरों के साथ इस फ़ोटो को भी पोस्ट किया गया था.
हज का फ़ोटो 'कुंभ की तैयारी' कैसे बना
'राष्ट्रवादी सरकार चुनने का' कितना फ़ायदा होता है! इसका उल्लेख करते हुए कई दक्षिणपंथी रुझान वाले फ़ेसबुक और ट्विटर यूज़र्स ने एक तस्वीर पोस्ट की है.
इस तस्वीर को 'योगी सरकार द्वारा इलाहबाद कुंभ मेले की तैयारी का दृश्य' बताया गया है.
कुछ लोगों ने लिखा है कि उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने 'विकास और व्यवस्था के मामले' में सभी को पीछे छोड़ दिया है.
एक जगह ये भी दावा किया गया है कि ये जगमगाती तस्वीर सऊदी अरब की नहीं है, बल्कि कुंभ मेले को लेकर योगी सरकार की तैयारी का दृश्य है. लेकिन ये सभी दावे झूठे हैं.
दरअसल ये तस्वीर हज (मक्का-मदीना) के समय की है. अगस्त 2018 में इस तस्वीर को सऊदी अरब के कुछ मीडिया संस्थानों ने छापा भी था.
जिस जगह की ये तस्वीर है उसे मीना वैली कहा जाता है. सऊदी अरब में बहुत से लोग मीना वैली को 'टेंट सिटी' के नाम से भी जानते हैं.
और जिस पुल के इर्द-गिर्द टेंटों का जमावड़ा दिख रहा है वो किंग ख़ालिद ब्रिज के नाम से मशहूर है.
https://twitter.com/WHOEMRO/status/1032012952340246528
क्या सच में ये तस्वीर 'रामायण एक्सप्रेस' की है?
भारतीय रेल की एक तस्वीर दक्षिणपंथी रुझान वाले फ़ेसबुक पन्नों पर वायरल हो रही है जिसे लोग 'रामायण एक्सप्रेस' का चित्र बता रहे है.
भारतीय रेल मंत्रालय ने इसी साल नवंबर में रामायण एक्सप्रेस की शुरुआत की है.
ये ट्रेन अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक के कई तीर्थस्थलों के दर्शन के लिए शुरू की गई है.
लेकिन इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है कि "अपने भारत में पहली बार रामायण एक्सप्रेस चली है वरना अभी तक को निज़ामुद्दीन एक्सप्रेस ही चलती देखी हैं."
कुछ लोगों ने इसे सरकार की एक बड़ी उपलब्धि बताया है.
लेकिन हमने अपनी पड़ताल में ये पाया कि जिस तस्वीर को रामायण एक्सप्रेस का फ़ोटो कहा जा रहा है, वो तस्वीर न्यूज़ीलैंड की ट्रेन की है.
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=701704266896473&set=g.1947535995571951&type=1&theater&ifg=1
लेकिन इस तस्वीर को राजस्थान में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
(ये कहानी फ़ेक न्यूज़ से लड़ने के लिए बनाए गए प्रोजेक्ट 'एकता न्यूज़रूम' का हिस्सा है.)
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