बापू के साबरमती आश्रम पहुंचे डोनाल्ड ट्रंप, महात्मा गांधी के जिक्र के बिना साइन की विजिटर्स बुक
अहमदाबाद। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहली भारत यात्रा आज से शुरू हो गई है। ट्रंप का यह दौरा कई मायनों में अहम है और इस दौरे की शुरुआत उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साबरमती आश्रम जाकर की। पहले जहां ऐसी खबरें थी राष्ट्रपति ट्रंप का साबरमती आश्रम का दौरा कैंसिल हो सकता है तो वहीं रविवार को इस बात पर कमिश्नर ने आधिकारिक मोहर लगा दी। ट्रंप ने साबरमती आश्रम का दौरा किया और कई महत्वपूर्ण बातों को करीब से जाना। उन्होंने यहां पर विजिटर्स बुक पर साइन भी किए लेकिन जो बात हैरान करने वाली थी, वह थी बापू का जिक्र न होना।
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पांच साल में भारत आने वाले दूसरे अमेरिकी राष्ट्रपति
ट्रंप, पांच साल में भारत आने वाले दूसरे अमेरिकी राष्ट्रपति हैं। उनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत आए थे। ओबामा 26 जनवरी 2015 को गणतंत्र दिवस परेड में चीफ गेस्ट के तौर पर दिल्ली पहुंचे थे। साबरमती आश्रम महात्मा गांधी की तरफ से देश की आजादी के लिए चलाई गई मुहिम का प्रदर्शन करता है। ट्रंप और मोदी रोड शो के बीच ही इस आश्रम का दौरा करेंगे। ट्रंप और फर्स्ट लेडी मेलानिया करीब 15 मिनट इस आश्रम में रुके थे। ट्रंप ने आश्रम की विजिटर्स बुक में लिखा, 'मेरे प्रिय मित्र नरेंद्र मोदी, इस खूबसूरत यात्रा के लिए शुक्रिया।' साबरमती आश्रम, साबरमती नदी के किनारे बसा है। साल 1917-1930 तक यह महात्मा गांधी का निवास स्थल था। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अलावा जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भी इस आश्रम का दौरा कर चुके हैं।
क्या लिखा था ओबामा ने बापू के लिए
ट्रंप से अलग ओबामा दो बार भारत आए और दोनों ही बार उन्होंने बापू का नमन किया था। ओबामा पहले साल 2010 में और फिर साल 2015 में भारत आए थे। उन्होंने दोनों बार राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी थी। ओबामा ने हमेशा से ही बापू को अपनी जिंदगी में एक प्रभावशाली शख्सियत के तौर पर बताया था। ओबामा ने साल 2015 में राजघाट की विजिटर्स बुक में लिखा था, 'जो डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने कहा था वह आज सच मालूम पड़ता है। गांधी की आत्मा आज भी भारत में जिंदा हैं। और यह दुनिया को दिया गया एक अनमोल तोहफा है। ईश्वर करे कि हम हमेशा एक ऐसी दुनिया में रहे जहां पर सभी देशों के लोगों के बीच प्यार और शांति हो।' साल 2010 में ओबामा ने लिखा था, 'महात्मा गांधी के समाधि स्थल पर आना मेरे लिए एक महान सम्मान की बात है। वह एक महान व्यक्ति थे जिन्होंने पूरी मानवता को शांति के साथ प्रेरित किया था।'