Trump India Visit: दुनिया का सबसे शक्तिशाली एयरक्राफ्ट अब से कुछ घंटे बाद अहमदाबाद में होगा लैंड, जानिए इसके बारे में सब-कुछ
अहमदाबाद। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहली भारत यात्रा आज से शुरू हो रही है। ट्रंप का यह दौरा कई मायनों में अहम है। वह साल 2006 के बाद रिपब्लिकन पार्टी के ऐसे राष्ट्रपति हैं जो भारत का दौरा कर रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप के साथ ही एक बार फिर दुनिया का सबसे शक्तिशाली एयरक्राफ्ट भारत में होगा। हम बात कर रहे हैं एयरफोर्स वन की जो कि अब से कुछ घंटों बाद अहमदाबाद में लैंड करेगा। आइए आपको इस विमान की कुछ खास बातों के बारे में बताते हैं और बताते हैं कि आखिर क्यों एयरफोर्स वन सबसे शक्शिाली एयरक्राफ्ट माना जाता है।
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क्यों कहते हैं एयरफोर्स वन
एयरफोर्स वन किसी प्लेन का नाम नहीं है बल्कि यह एक रेडियो कॉल है जिसका प्रयोग सिर्फ राष्ट्रपति के एयरक्राफ्ट के लिए होता है। यह यूएस एयरफोर्स के वह प्लेन है जो अमेरिकी राष्ट्रपति को किसी विदेशी दौरे पर लेकर रवाना होता है। जैसे ही राष्ट्रपति विदेशी दौरे के लिए एयरफोर्स के प्लेन में कदम रखते हैं, प्लेन समेत क्रू और बाकी चीजें एयरफोर्स वन के तौर पर तब्दील हो जाती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उस दौरान उस फ्लाई जोन उड़े रहे बाकी एयरक्राफ्ट के साथ किसी तरह का कोई कंफ्यूजन न हो सके। अगर राष्ट्रपति आर्मी के एयरक्राफ्ट में होंगे तो उसे आर्मी वन कहा जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकरिक एयरक्राफ्ट के तौर पर दो विमान मौजूद हैं जिन्हें बोइंग कंपनी ने बनाया है। एयर फोर्स वन एक बोइंग 747-200बी सीरीज का विमान है और इसे साल 1990 में जॉर्ज बुश सीनियर के समय में पहली बार डिलीवर किया गया था।
बॉम्बर जेट्स से भरा जाता ईधन
इस प्लेन की खासियत है हवा में ही रि-फ्यूलिंग की सुविधा। यह विमान किसी शहर में बने ब्लॉक्स के जितना लंबा है। जीई इंजन से लैस यह एयरक्राफ्ट 700 मील प्रति घंटे यानी 1,126.5 किलोमीटर की रफ्तार से 45,100 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकते हैं। एयरक्राफ्ट 53,611 गैलन ईधन के साथ फ्लाई करता है। अगर एयरक्राफ्ट का टैंक फुल हो तो यह आधी दुनिया का चक्कर लगा सकता है। दिखने में यह भले ही एक साधारण बोइंग एयरक्राफ्ट की तरह दिखे लेकिन तीन मंजिला बिल्डिंग के बराबर इस एयरक्राफ्ट पर न्यूक्लियर बम का भी कोई असर नहीं हो सकता है।यूएस एयरफोर्स के बी-2 बॉम्बर एयरक्राफ्ट्स और दूसरे कॉम्बेट एयरक्राफ्ट्स इसे मिड एयर रि-फ्यूलिंग की सुविधा देते हैं। इस प्लेन में लगे एडवांस्ड एवॉनिक्स और दूसरी सुविधांए इसे और खास बनाती हैं। यह प्लेन इलेक्ट्रॉनिक काउंटर मेजर्स से लैस है यानी यह दुश्मन के रडार को ब्लॉक कर सकता है। प्लेन के फ्लेयर्स मिसाइलों को भी नष्ट कर सकते हैं।
कई हिस्सों में जाने की इजाजत किसी को नहीं
राष्ट्रपति और उनका पूरा स्टाफ दुनिया के किसी भी कोने में हजारों फीट की ऊंचाई पर भी किसी से बात कर सकते हैं। ऑन बोर्ड इलेक्ट्रॉनिक्स में 238 मील की वायरिंग शामिल है। इस वायरिंग से प्लेन की सुरक्षा करने के लिए हैवी मेटल शील्ड लगाई गई है। न्यूक्लियर ब्लास्ट से प्लेन को बचाने के लिए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स से लैस इलेक्ट्रॉनिक्स लगाए गए हैं। यह उड़ता हुआ व्हाइट हाउस है और 45 हजार फीट की ऊंचाई से राष्ट्रपति और उनका स्टाफ दुनिया के किसी भी कोने में कॉल सकते हैं। एयरफोर्स वन को एक रहस्यमय एयरक्राफ्ट तक करार दिया जाता है क्योंकि इसके कुछ हिस्सों के बारे में कोई कुछ नहीं जानता है। यहां तक कि दूसरे देशों से आने वाले राजनेताओं और जर्नलिस्ट्स को भी इसके कुछ हिस्सों में जाने की इजाजत नहीं है।
एक बार में पक सकता है 100 लोगों के लिए खाना
यूएस एयरफोर्स भी इस बात को लेकर काफी सजग है और इसके ले-आउट को लेकर काफी अलर्ट रहती है। यह अंदर से कैसा दिखता है इसके बारे में कई बातें हो चुकी है लेकिन किसी की भी ओर से इसकी पुष्टि नहीं हुई है। अगर किसी को भी इसके अंदर के बारे में सभी जानकारियां मिली भी है तो सुरक्षा के मद्देनजर उसे इसके बारे में बात करने से मना कर दिया गया। इस एयरक्राफ्ट की एक नही बल्कि दो एडवांस रसोईयों में खाना पकाता है। प्लेन के निचले हिस्से में बने फ्रीजर्स में बड़ी मात्रा में खाने को स्टोर करके रखा जाता है। इस एयरक्राफ्ट का क्रू एक बार में 100 लोगों को खाना पकाकर खिला सकता है। प्लेन के स्टोरेज हिस्से में 2,000 लोगों के लिए खाना स्टोर करके रखा जा सकता है।
मेडिकल फैसिलिटी एक से बढ़कर एक
इस प्लेन में ऑनबोर्ड मेडिकल फैसिलिटी से जुड़ी टेक्नोलॉजी बेहद ही उत्तम दर्जे की है। प्लेन में एक मेडिकल रूम है जिसमें बहुत बड़े स्तर पर दवाईयां मौजूद हैं। इमरजेंसी रूम पूरी तरह से आधुनिक उपकरणों से लैस है। इस इमरजेंसी रूम में फोल्ड आउट टेबल्स भी हैं जिनकी वजह से ऑन एयर ही ऑपरेशन तक हो सकता है। इस प्लेन के अंदर आईसीयू और वेंटलेटर यूनिट भी है, जिसका इस्तेमाल इमरजेंसी पड़ने पर किया जा सकता है। प्लेन में स्टाफ डॉक्टर भी राष्ट्रपति के साथ ट्रैवेल करता है। हर विजिट से पहले प्लेन को हर तरह की इमरजेंसी परिस्थितियों से निबटेन के लिए तैयार किया जाता है।
राष्ट्रपति के बारे में सिर्फ क्रू को खबर
किसी भी साधारण बोइंग 747 की ही तरह इस एयरक्राफ्ट में तीन लेवल होते हैं। लेकिन अंदर से यह बोइंग 747 की तरह नहीं है और इससे पूरी तरह से अलग दिखता है। तीन डेक वाले एयरक्राफ्ट के किस डेक राष्ट्रपति हैं इसकी जानकारी क्रू मेंबर्स को ही होती है। यहां तक विमान के कंट्रोल रूम को भी नहीं। जर्नलिस्ट को इस प्लेन के रीयर डोर से एंट्री दिलाई जाती है और यहां से उन्हें मीडिल डेक पर ले जाया जाता है। इस एयरक्राफ्ट का प्रेस एरिया बाकी जेटलाइनर्स के फर्स्ट क्लास की तरह ही दिखता है। प्रेस एरिया के अलावा मीडिल डेक में एक स्टाफ एरिया, किचन, काफ्रेंस और डाइनिंग रूम, प्रेसीडेंट सूइट और आफिस होता है। इसके अलावा यहीं पर सर्विस क्रू के सोने का इंतजात होता है। इस प्लेन में कम्यूनिकेशन रूम्स, लाउंज और कॉकपिट भी इसी हिस्से में होता है।