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स्कूल की लापरवाही से NEET परीक्षा में नहीं बैठ सके 15 आदिवासी छात्रों को 30 लाख की मदद

By Rizwan
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नई दिल्ली। स्कूल की लापरवाही के चलते 2017 में नीट की परीक्षा ना दे सके त्रिपुरा के 15 आदिवासी बच्चों को 2-2 लाख रुपए की राशि दी गई है। नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन (एनएचआरसी) ने बताया है कि त्रिपुरा के सरकारी स्कूल की लापरवाही के चलते 2017 का नेशनल एलिजिबिलिटी एंड एंट्रेंस टेस्ट (नीट) नहीं लिख सके 15 बच्चों को 30 लाख रुपए दिए हैं। हर बच्चे को 2 लाख रुपए दिए गए हैं। इस मामले की जांच में स्कूल के प्रिंसिपल और टीचर की लापरवाही की बात सामने आई थी। एनएचआरसी के आदेश पर राज्य सरकार ने ये सहायता दी है।

30 lakh monetary relief

जांच में पाया गया था कि प्रिंसिपल और टीचर ने आदिसावी छात्रों का ऑनलाइन फॉर्म भर दिया था लेकिन तय सीमा में फीस जमा नहीं की गई। इस लापरवाही भरे रवैये के चलते छात्र परीक्षा में नहीं बैठ सके। एनएचआरसी ने साथ ही सिफारिश की है कि खुमूलनडग के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के ये छात्र, जो नीट की परीक्षा नहीं लिख सके उन्हें 2018 की नीट परीक्षा के लिए मुफ्त कोचिंग दी जाए। एनएचआरसी ने साथ ही कहा है कि मामले में लापरवाही के दोषी प्रिंसिपल और टीचर के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। एनएचआरसी ने कहा है कि इस मामले में समान अधिकार और शिक्षा के अधिकार का इस मामले में हनन हुआ है।

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English summary
Tripura tribal students who could not write NEET 2017 get Rs 30 lakh monetary relief
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