त्रिपुरा: सरकारी कर्मचारियों के लिए 'ड्रेस कोड', जींस और चश्मा नहीं पहनने के आदेश
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अगरतला। त्रिपुरा में बीजेपी-आईपीएफटी सरकार ने एक अजीबोगरीब फरमान जारी किया है। त्रिपुरा सरकार ने सरकारी अधिकारियों को ड्यूटी के दौरान जींस पहनने और चश्मे लगाने पर रोक लगाते हुए एडवाइजरी जारी की है। त्रिपुरा राज्य सरकार के इस फरमान के बाद सीपीएम और कांग्रेस ने इसकी आलोचना करते हुए 'सामंती विचारधारा' बताया है। प्रधान सचिव सुशील कुमार द्वारा जारी एक ज्ञापन में राज्य के स्तरीय आधिकारिक बैठकों में ड्रेस कोड के लिए "उचित संबंध" में पालन करने के लिए कहा है। कुमार राजस्व, शिक्षा और सूचना, और सांस्कृतिक मामलों के प्रधान सचिव हैं।
त्रिपुरा में 20 अगस्त को 'ड्रेस कोड' के अंतर्गत जींस और कार्गो पैंट जैसे कुछ अनौपचारिक कपड़े पहनने से बचने के लिए कहा है। कुमार ने ज्ञापन में दावा किया कि उनके पास भारत सरकार में काम करने के तीन दशकों का अनुभव है और अभी तक आईएएस या केंद्रीय सेवाओं के अधिकारी को अनौपचारिक कपड़े पहने हुए कार्यालय में नहीं देखा गया है।
ज्ञापन में कहा गया है कि ऑफिस मीटिंग में मोबाइल पर चैटिंग करना भी एक अनादर की तरह है। त्रिपुरा में पिछली मणिक सरकार के दौरान भी अधिकारियों को जेब में हाथ डालकर घूमने के लिए मना किया गया था। उस दौरान डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को ध्यान देने के लिए कहा गया था कि आधिकारिक बैठकों के दौरान वे और उनके मेंबर्स ऑफिस के डेकोरम में रहे और कोड ऑफ कंडक्ट का पालन करें।
त्रिपुरा के प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष तपस डे ने कहा कि यह आदेश राज्य की सत्तारूढ़ बीजेपी-आईपीएफटी सरकार के "सामंती मानसिकता" को दर्शाती है। उन्होंने कहा, 'यह एक सामंती मानसिकता है और सरकार बुनियादी समस्याओं को अनदेखा कर रही है। अपनी विफलता से लोगों का ध्यान हटाने के लिए हर गैर-मुद्दों को मुद्दा बना रही है।'