ब्रू शरणार्थियों को बसाने के विरोध में त्रिपुरा में हिसंक हुआ विरोध प्रदर्शन, आगजनी
ब्रू शरणार्थियों को बसाने के विरोध में त्रिपुरा में हिसंक हुआ विरोध प्रदर्शन, आगजनी
नई दिल्ली। ब्रू शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाने का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच शनिवार को भारी टकराव हुआ है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों के शीशे तोड़ डाले और कई वाहनों को आग लगा दी तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। उत्तर त्रिपुरा जिले के डोलुबरी गांव में ये हिंसा हुई है। स्थानीय लोग मिजोरम से ब्रू शरणार्थियों के यहां पुनर्वास के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, जो शनिवार को हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने हाईवे पर भी जाम लगा दिया है। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए भारी संख्या में सुरक्षाबल डोलुबरी गांव मे भेजे गए हैं।
त्रिपुरा के लोग ब्रू शरणार्थियों को उनके राज्य में स्थायी जगह देने का लगातार विरोध कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने इसी साल ब्रू शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाने को लिए छह सौ करोड़ के पुनर्वास पैकेज का एलान किया था। जिसके बाद त्रिपुरा में खासतौर से उत्तरी त्रिपुरा जिले के डोलुबरी में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
क्या है ये पूरा विवाद?
ब्रू जनजाति के लोग मूल रूप से त्रिपुरा के पड़ोसी राज्य मिजोरम के रहने वाले हैं। ब्रू जनजाति और बहुसंख्यक मिजो समुदाय के बीच 1996 में सांप्रदायिक दंगा हुआ था, जिसके बाद हजारों ब्रू लोग भाग कर त्रिपुरा आ गए। इसके बाद से ब्रू समुदाय के करीब 30 से 35 हजार लोग हजारों लोग त्रिपुरा के कंचनपुर इलाके शरणार्थी कैपों में रह रहे हैं।
केंद्र और राज्य सरकारों ने त्रिपुरा के राहत शिविरों में रहने वाले ब्रू शरणार्थियों की मिजोरम वापसी के लिए प्रयास भी किए। सुरक्षा की वजह से ये लोग मिजोरम लौटने को तैयार नहीं हुए जिसके बाद केंद्र ने इस साल जनवरी में इन शरणार्थियों को स्थायी तौर पर बसाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें इन लोगों को स्थायी तौर पर त्रिपुरा में ही बसाया जाना है। केंद्र के इस समझौते के खिलाफ अब स्थानीय लोग सड़कों पर हैं।
काबुल
में
एक
के
बाद
एख
दागे
गए
14
रॉकेट,
अब
तक
तीन
की
मौत,
11
घायल