त्रिपुरा में भाजपा ने बिना लड़ाई जीतीं 96 फीसदी सीट, विपक्ष की दोबारा चुनाव की मांग
त्रिपुरा ग्राम पंचायत की 96 फीसदी सीटों पर निर्विरोध चुने गए भाजपा प्रत्याशी, विपक्ष की दोबारा चुनाव की मांग
अगरतला। त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने ग्राम पंचायत और पंचायत समिति की 96 फीसदी सीटें निर्विरोध जीत ली हैं। वहीं राज्य की 18 जिला परिषदों की सीटों पर भी भाजपा के सामने कोई पार्टी इलेक्शन नहीं लड़ी, जिससे ये सीटें भी भाजपा के खाते में आ गई हैं। वहीं विपक्षी वाम मोर्चा, कांग्रेस और आईपीएफटी ने भाजपा पर हिंसा का सहारा लेने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से फिर से चुनाव कराने की मांग की है।
30 सितंबर को होने हैं चुनाव
त्रिपुरा में 3,386 सीटों पर 30 सितंबर को उपचुनाव होने हैं। इनमें 3,207 ग्राम पंचायत, 161 पंचायत समिति और 18 जिला परिषद की सीटें शामिल हैं। इनमें से 3075 ग्राम सभा,154 पंचायत समिति और 18 जिला परिषद निर्विरोध भाजपा के खाते में आ गई हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद बड़े पैमाने पर वाम प्रतिनिधियों के इस्तीफों के चलते ये सीटें खाली हुई है, जिन पर चुनाव कराया जा रहा है। अब 30 सितंबर को 132 ग्राम पंचायत और पंचायत समिति की सात सीटों पर ही चुनाव होगा।
विपक्ष ने लगाया भाजपा पर सत्ता के गलत इस्तेमाल का आरोप
96 फीसदी सीटों पर भाजपा के कब्जे के बाद विपक्ष के साथ-साथ भाजपा की सहयोगी आइपीएफटी समेत कई दलों ने राज्य निर्वाचन आयोग से चुनाव की नई तारीखों के एलान की मांग की है। इन दलों का कहना है कि भाजपा ने विपक्ष के लोगों को सत्ता का इस्तेमाल कर चुनाव लड़ने से रोका है। वाम दलों का कहना है कि उनके प्रत्याशियों को नामांकन नहीं करने दिया और जहां नामांकन किया वहां डरा-धमका कर वापस लेने को मजबूर किया गया। विपक्ष का कहना है कि राज्य में डर का माहौल बनाया जा रहा है।
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राज्य में कई जगहों पर हिंसा
त्रिपुरा में पंचायत चुनाव को देखते हुए भाजपा और विपक्ष के कार्यकर्ताओं में कई जगहों पर झड़पें हुई हैं। सीपीएम के गौतम दास ने ने कहा है कि त्रिपुरा में निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं दिख रहा है। उनका कहना है कि 35 में से 28 ब्लॉक में भाजपा के लोगों ने विपक्ष के प्रत्याशियों को नहीं करने दिया। वहीं भाजपा की ओर से कहा गया है कि विपक्ष के पास उम्मीदवार ही नहीं है इसलिए वो उनकी सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।
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