त्रिपुरा सरकार का विवादित फैसला, नई सरकारी भर्तियों पर लगाया प्रतिबंध
नई दिल्ली। त्रिपुरा की बिप्लब सरकार ने राज्य में सरकारी भर्तियों पर कई तरह की पाबंदिया लगा दी हैं। त्रिपुरा सरकार ने नई सरकारी भर्तियों पर कई पाबंदियां लगाते हुए कहा है कि कि अगर नए पदों का सृजन किया जाता है तो पुराने खाली पदों को समाप्त कर दिया जाए। राज्य के वित्त विभाग ने सोमवार को इस संबंध में एक नोटिस भी जारी किया गया है। 17 दिसंबर को मुख्य सचिव लालकृष्ण गुप्ता द्वारा जारी ज्ञापन में कहा गया है कि, त्रिपुरा में आबादी के अनुपात के हिसाब से सरकारी नौकरियों का स्तर पूरे देश में सबसे ज्यादा है।
रिटारमेंट के बाद खाली पदों की भर्ती पहले की जानी चाहिए
मुख्य सचिव ने कहा कि, इसलिए हर रिटारमेंट के बाद खाली पदों की भर्ती पहले की जानी चाहिए। ज्ञापन में कहा गया है, इस प्रावधान की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि वेतन और अन्य चीजों पर राज्य सरकार के धन का बड़ा हिस्सा खर्च होता है और इन मदों में धन खर्च करने की प्रतिबद्धता जताने के दौरान यह बेहद आवश्यक हो जाता है कि धन का इस्तेमाल विवेकपूर्ण तरीके और अनुशासन के साथ किया जाए।
सरकारी नौकरियों का स्तर पूरे देश में सबसे ज्यादा
ज्ञापन में कहा गया है कि, राज्य सरकार के प्रत्येक विभाग में अतीत में कई पदों की रचना की गई है जो रिक्त हैं और अब आवश्यक नहीं हैं। इसलिए, जब भी कोई विभाग पोस्ट सृजन के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करता है, तो इसके साथ-साथ समकक्ष वित्तीय प्रभावों के साथ पदों को आत्मसमर्पण / समाप्ति के प्रस्ताव भी होने चाहिए। ज्ञापन के अनुसार त्रिपुरा में करीब 2,00,000 सरकारी कर्मचारी हैं, जिनमें से 60,000 पेशनभोगी हैं। राज्य की अनुमानित आबादी 40 लाख है।
नियमों के उल्लंघन पर मिलेगी सजा
ज्ञापन में कहा गया है कि, रिक्त पदों को भरने पर लगाए गए प्रतिबंध में कहा गया है कि, सभी विभागों को यह सुनिश्चित करना होगा कि खाली पदों को भरने की कोई प्रक्रिया वित्त विभाग की पूर्व सहमति के बिना शुरू ना जाए। नए नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस मेमो में कहा गया है कि, कुछ विभागों में गलत धारणा है कि वित्त विभाग के वेतन और मजदूरी के लिए असीमित धन है। उन्हें लगता है कि, सभी रिक्त पदों को भरने और नए बनाने के लिए उनके पास अधिकार हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने इन निर्देशों का उल्लंघन किया है। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए लिए नोटिस भी जारी हुआ। इस साल की शुरुआत में, विभाग ने 14,000 से अधिक शिक्षण पदों में भर्ती की घोषणा की थी।
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