अब गांव वालों को बतखें बांटना चाहते हैं त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब
नई दिल्ली। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने कहा है कि वो प्रदेश के ग्रामीणों को बतख वितरित करना चाहते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि उनका मानना है कि ऐसा करने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। त्रिपुरा के सीएम यह भी दावा किया कि बतखों से और भी कई लाभ होते हैं। बिप्लब देब ने कहा कि बतखें पानी का रिसाइकल करती हैं और उनके तैरने से पानी में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है।
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फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में आए त्रिपुरा के सीएम
बिप्लब देब ने ये बातें नीरमहल के चारों ओर एक कृत्रिम झील रुद्रसागर में पारंपरिक बोट रेस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कही। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी योजना झील के आस-पास रहने वाले मछुआरों को 50,000 बतख वितरित करने की है। उन्होंने आगे कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए पूरे त्रिपुरा में ग्रामीणों को सफेद बतख वितरित किए जाएंगे। इसके बाद त्रिपुरा के सीएम ने बतख से होने वाले फायदे की भी विस्तृत व्याख्या की।
'बत्तख के तैरने से पानी में बढ़ जाता है आक्सीजन का लेवल'
बिप्लब कुमार देब ने बताया कि जब बतख पानी में तैरती हैं, तो पानी में ऑक्सीजन का स्तर अपने आप ही बढ़ने लगता है। इससे (ऑक्सीजन) रिसाइकल हो जाता है। इसका फायदा पानी में रहने वाली मछलियों को होता है, जिन्हें अधिक ऑक्सीजन मिलता है। बतखों के मल से भी फायदा मिलता है। इस तरह से मत्स्य पालन से जुड़े लोगों को फायदा होगा और मछलियां तेजी बढ़ेंगी। वो भी पूरी तरह कार्बनिक तरीके से।
विपक्षी पार्टी ने बयान पर उठाए सवाल
फिलहाल बिप्लब देब के बयान को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस के तापस डे ने भी मुख्यमंत्री के बयान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को गंभीर नीतिगत सुझाव देने चाहिए, जिसमें लोगों की आजीविका के लिए काम करने की रुपरेखा हो।
बोट रेस के उद्घाटन समारोह में बोले सीएम बिल्पब देब
इस मामले पर त्रिपुरा जुक्तिबाद विकास मंच के मिहिर लाल रॉय ने भी टिप्पणी की है। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक रॉय ने कहा कि मुझे नहीं पता कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ऐसी आधारहीन टिप्पणी क्यों की। उन्होंने कहा कि ये सच है कि अगर पानी में हलचल होती है तो उससे ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है, लेकिन इस बात का कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है कि बतखों के तैरने से ऐसा हो सकता है। बता दें कि त्रिपुरा जुक्तिबाद विकास मंच एक ऐसी संस्था है जो 2010 से ही लोगों के अंदर वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने का काम कर रही है।