युवा अगर पान की दुकान लगाते तो उनके पास अबतक पांच लाख रुपए होते- बिप्लब देब
नई दिल्ली। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव एक बार फिर से अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। बिप्लब देव ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि युवा कई सालों से राजनीतिक दलों के पीछ सरकारी नौकरी के लिए पीछे पड़ रहे हैं। वह अपने जीवन काल का अहम समय यहां-वहां दौड़कर सरकारी नौकरी की तलाश में बर्बाद करते हैं। लेकिन अगर यही युवा सरकारी नौकरी तलाश करने की बजाए पान की दुकान लगा ले तो उसके बैंक खाते में अबतक 5 लाख रुपए होते।
75 हजार के लोन से हर महीने 25 हजार रुपए कमाए जा सकते हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा बैंक से प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 75 रुपए लोन लेकर आराम से हर महीने 25 हजार रुपए कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की ऐसी सोच है कि ग्रेजुएट खेती नहीं कर सकता है, मुर्गी पालन नहीं कर सकता क्योंकि इससे उसका स्तर नीचे चला जाएगा। उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए इस तरह के रोजगार काफी अहम भूमिका निभाते हैं। मुख्यमंत्री ने यह बयान विश्व पुशपालन दिवस के मौके आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए दिया।
मैकेनिकल इंजीनियर्स को दिया था सुझाव
इससे पहले बिप्लब देब ने कहा है कि मैकेनिकल इंजीनियर्स को सिविल सेवा में नहीं जाना चाहिए। वहीं उन्होंने कहा कि सिविल इंजीनियर सिविल सेना में जा सकते हैं। अगरतला में सिविल सर्विस डे के मौके पर सिविल सेवा परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को संबोधित करते हुए कहा कि मैकेनिकल इंजीनियर्स को सिविल सेवाएं नहीं चुनना चाहिए लेकिन सिविल इंजीनियर्स को सिविल सेवा परीक्षाएं चुनना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि पहले आर्टस पढ़ने वाले छात्र अमूमन सिविल सेवा परीक्षा में बैठते थे अब डॉक्टर्स और इंजीनियर्स भी इसके लिए आवेदन करते हैं। बिप्लब देब ने कहा कि सिविल इंजीनियर्स के पास समाज के बेहतर निर्माण का ज्ञान होता है।
डायना हेडन पर बयान से आए थे सुर्खियों में
कुछ दिन पहले डायना हेडन पर बयान देकर बिप्लब देव सुर्खियों में आए थे। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने कहा था कि आज महिलाएं खूबसूरती के लिए ब्यूटी पार्लर पर निर्भर हैं, जबकि भारतीय महिलायें ऐसा नहीं करती थी। उन्होंने कहा '1997 में मिस इंडिया वर्ल्ड बनीं डायना हेडन इस काबिल नहीं थीं, क्या आपको लगता है, वो इस ख़िताब के काबिल थीं?' बिप्लव देव ने कहा कि सौंदर्य प्रतियोगिताओं के आयोजक अंतर्राष्ट्रीय मार्केटिंग माफिया पहले लड़कियों को भर्ती करते हैं और इसके बाद उनको रैंप पर चलवाते हैं। यहां पहले से तय कर लिया जाता है कि किसको अवॉर्ड देना है।
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