त्रिपुरा में स्कूल सिलेबस बदलने की तैयारी, बिप्लब देब ने किया बड़ा ऐलान
अगरतला। अक्सर अपने बयानों को लेकर विवाद में रहने वाले त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब एक बार फिर से विवादों में हैं। बिप्लब कुमार देब ने अपने एक बयान में कहा है कि, उनकी सरकार पाठ्यक्रम को संशोधित कर रही है, जिससे कि पाठ्यपुस्तकों में भारतीय इतिहास भी शामिल किया जा सके। इसलिए राज्य के स्कूलों में अगले शिक्षा सत्र से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (NCERT) द्वारा तैयार पाठ्यक्रम को लागू कराने की दिशा में काम किया जा रहा है।
वामपंथी विचारकों व नेताओं के बारे में ज्यादा पढ़ाई करवाई जा रही है
उनका कहना है कि, त्रिपुरा के स्कूलों की पाठ्य पुस्तकों में भारतीय नेताओं के बारे में कम जबकि जोसेफ स्टालिन व व्लादिमीर लेनिन जैसे वामपंथी विचारकों व नेताओं के बारे में ज्यादा पढ़ाई करवाई जा रही है। त्रिपुरा विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के मौके पर बोलते हुए बिप्लब देब ने कहा कि, राज्य की पाठ्य पुस्तकों में भारतीय इतिहास को ढूंढना बहुत मुश्किल है। किताबों में स्टालिन, लेनिन और रूसी क्रांति आदि के बारे में बहुत लिखा गया हैं और मुझे इससे कोई समस्या नहीं है लेकिन गांधी को भी पढ़ाया जाना चाहिए।
सरकार 2019 तक नया पाठ्यक्रम लागू होगा
उन्होंने कहा कि, पाठ्यक्रम बदले जाने से स्कूली स्तर पर बच्चों को महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, एपीजे अब्दुल कलाम जैसी हस्तियों के कार्यों और उनके योगदान के बारे में पता चल सकेगा। बिप्लब देब ने कहा कि उनकी सरकार एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को 2019 तक नए पाठ्यक्रम के तहत लागू कर देगी।
सरकार पहली से आठवीं कक्षा तक के लिए पाठ्यक्रम लागू कराएगी
आपको बता दें कि इससे पहले जून में त्रिपुरा के शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ ने कहा था कि, शिक्षा के लिहाज से त्रिपुरा बहुत पिछड़ गया है। रतनलाल ने कहा था, 'मौजूदा स्थिति में सुधार के लिए राज्य सरकार पहली से आठवीं कक्षा तक के लिए एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू कराएगी।