तीन तलाक को अपराध साबित करने वाले ऐतिहासिक बिल की 10 बड़ी बातें
नई दिल्ली। लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी तीन तलाक बिल पास हो गया है। संसद के उच्च सदन राज्यसभा में इस बिल पर वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 99 वोट पड़े जबकि 84 सांसदों ने इसके विरोध में मतदान किया। बीएसपी, पीडीपी, टीआरएस, जेडीयू, एआईएडीएमके और टीडीपी जैसे कई दलों के वोटिंग में हिस्सा नहीं लेने की वजह से सरकार को ये बिल पास कराने में आसानी हुई। संसद से बिल पास होने के बाद अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है। आइये जानते हैं बिल से जुड़ी 10 अहम बातें...
संसद से पास हुआ तीन तलाक बिल
1. मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक (ट्रिपल तलाक बिल) 25 जुलाई को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया था। विधेयक के पक्ष में 302 वोट पड़े थे, जबकि 82 वोट इसके विरोध में पड़े थे।
2.
ट्रिपल
बिल
में
तुरंत
तीन
तलाक
को
संज्ञेय
अपराध
मानने
का
प्रावधान
है।
यानी
पुलिस
बिना
वारंट
गिरफ्तार
कर
सकती
है।
इसके
अलावा
बिल
में
तीन
साल
तक
की
सजा
का
प्रावधान
है।
आरोपी
को
मजिस्ट्रेट
जमानत
दे
सकता
है।
जमानत
तभी
दी
जाएगी,
जब
पीड़ित
महिला
का
पक्ष
सुना
जाएगा।
पीड़ित
महिला
के
अनुरोध
पर
मजिस्ट्रेट
समझौते
की
अनुमति
दे
सकता
है।
पीड़ित
महिला
पति
से
गुजारा
भत्ते
का
दावा
कर
सकती
है।
3.
राज्यसभा
से
ये
बिल
पारित
होने
से
पहले,
ट्रिपल
तलाक
पर
अध्यादेश
के
माध्यम
से
प्रतिबंध
लगाया
गया
था।
इससे
पहले
16वीं
लोकसभा
के
दौरान
भी
मोदी
सरकार
ट्रिपल
तलाक
बिल
लेकर
आई
थी
लेकिन
उस
समय
राज्यसभा
में
ये
बिल
पास
नहीं
हो
सका
था।
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तीन तलाक को संज्ञेय अपराध मानने का प्रावधान
4. मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान तीन तलाक बिल लोकसभा में दो बार पास हो चुका था। पहली बार यह बिल 28 दिसंबर, 2017 और दूसरी बार 27 दिसंबर, 2018 में पास हुआ था, लेकिन राज्यसभा में दोनों बार शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
5. मई 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार के गठन के बाद मोदी सरकार ने फिर से तीन तलाक पर इस साल जून में एक नया बिल पेश किया।
6. बिल को पेश करते समय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस प्रथा को कई इस्लामिक देशों में प्रतिबंधित कर दिया गया है, भारत ने धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र होने के बावजूद अब तक ऐसा नहीं किया है।
बीएसपी-पीडीपी समेत कई दलों ने किया वॉकआउट
7. राज्यसभा में इस बिल पर करीब साढ़े चार घंटे तक बहस चली। कांग्रेस, बीएसपी, पीडीपी और एआईडीएमके ने भी इस बिल का विरोध किया। एआईएडीएमके ने बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की, इस संबंध में संशोधन आया जो कि गिर गया। इसके बाद एआईएडीएमके ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इसके बाद पीडीपी सांसद मोहम्मद फैयाज ने भी बिल का विरोध किया। बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि वह बिल के खिलाफ हैं और इसे सेलेक्ट कमिटी को भेजना चाहिए। हालांकि चर्चा में बिल का विरोध करने वाले ये दल वोटिंग के समय सदन में मौजूद नहीं थे।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बन जाएगा कानून
8. तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के हक में 84 जबकि इसके खिलाफ 100 वोट पड़े। तीन तलाक बिल पर दिग्विजय सिंह और हुसैन दलवाई के संसोधन गिर गए।
9. पर्ची के जरिए राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर वोटिंग हुई। राज्यसभा में तीन तलाक बिल के पक्ष में 99 जबकि खिलाफ में 84 वोट पड़े।
10. तीन तलाक बिल के दोनों सदनों से पास होने के बाद अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून बन जाएगा।