तीन तलाक बिल फिर लटका, मॉनसून सत्र में नहीं हो पाया पेश, संसद अनिश्चितकाल के लिए स्थिगित
नई दिल्ली। 18 जुलाई से शुरू हुआ संसद का मॉनसून सत्र आज समाप्त हो गया। मानसून सत्र की शुरूआत मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से हुई थी तो राफेल का मुद्दा भी इस सत्र में छाया रहा। वहीं, इस सत्र के दौरान राज्यसभा को हरिवंश नारायण सिंह के रूप में नया उपसभापति मिला लेकिन एनडीए को एकबार फिर तीन तलाक बिल के मामले पर मायूसी ही हाथ लगी और ये बिल राज्यसभा में पेश नहीं किया जा सका। आज सदन के मॉनसून सत्र का आखिरी दिन था।
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मॉनसून सत्र के आखिरी दिन राफेल डील को लेकर हंंगामा होता रहा। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने राफेल डील की जांच के लिए जेपीसी बनाए जाने की मांग की और इस दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष के इस विरोध प्रदर्शन में सोनिया गांधी भी शामिल रहीं। वहीं, हंगामे के कारण बार-बार सदन की कार्यवाही को स्थगित करना भी पड़ा। लेकिन सरकार के लिए सबसे बड़ा झटका रहा तीन तलाक बिल रहा जोकि राज्यसभा में आम सहमति न बन पाने के कारण पेश नहीं किया जा सका।
अब सरकार इस बिल को शीतकालीन सत्र में पेश करेगी। हालांकि सरकार की कोशिश थी कि इस बिल को मॉनसून सत्र में ही सदन के पटल पर रखा जाए लेकिन बिल को लेकर आम सहमति नहीं बन पाने के कारण सरकार को अपने कदम वापस खींचने पड़े। वहीं, टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि शुक्रवार को केवल प्राइवेट बिलों पर चर्चा होती है, ऐसे में सरकार तीन तलाक बिल कैसे ला सकती है। जबकि कांग्रेस के आनंद शर्मा, सपा के रामगोपाल यादव ने भी बिल पेश करने का विरोध किया। अब तीन तलाक बिल के लिए मोदी सरकार को संसद के अगले सत्र तक इंतजार करना होगा।
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