TMC ने 17वीं लोकसभा में संसद सत्र को लेकर सरकार के आंकड़ों को दी चुनौती
नई दिल्ली: बुधवार को 17वीं लोकसभा का पहला सत्र समाप्त हो गया। विपक्ष ने सरकार के संसद सत्र को लेकर किए जा रहे दावों को चुनौती दी है। केंद्र सरकार का कहना है कि लोकसभा का ये सत्र पिछले एक दशक का सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव सत्र है। टीएमसी ने मोदी सरकार के दावे को चुनौती देने के लिए आंकड़े पेश किए हैं। टीएमसी ने कहा कि 20 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब लोकसभा के उपाध्यक्ष को पहले सत्र में सरकार द्वारा नहीं चुना गया है। 13वीं से 16 वीं लोकसभा के आंकड़े बताते हैं कि सरकार ने पहले सत्र में उपाध्यक्ष को चुना है। 13 वीं, 14 वीं और 15 वीं लोकसभा में छठी बैठक में डिप्टी स्पीकर चुना गया था।
गौरतलब है कि संसदीय मामलों की समिति द्वारा बुधवार को जारी एक बयान के अनुसार, 17वीं लोकसभा का पहला सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक रहा क्योंकि सदन में सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों से संबंधित लगभग सभी विधेयक पारित किए गए। समिति ने आगे कहा कि संसद सत्र में लोकसभा में लगभग 137 फीसदी काम हुआ, जबकि राज्यसभा में 103 फीसदी काम हुआ। मौजूदा सत्र में दोनों सदनों द्वारा पारित अहम विधेयकों में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019, जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2019 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 शामिल हैं।
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