ममता बनर्जी के लिए खुशखबरी, तृणमूल कांग्रेस को मिला राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में लगातार दो बार विधानसभा चुनाव जीतने का कमाल दिखाने वाली ममता बनर्जी को चुनाव आयोग ने तोहफा दिया है। उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को चुनाव आयोग ने देश की राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया है।
पार्टी ने राष्ट्रीय दर्जा पाने की शर्त पूरी की
तृणमूल कांग्रेस ने राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त करने के लिए उस शर्त को पूरा कर लिया है जिसमें यह है कि किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलेगा अगर चार राज्यों में उसे स्टेट पार्टी का दर्जा मिला हो।
तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल के अलावा मणिपुर, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में मान्यता प्राप्त स्टेट पार्टी है। अब उसे सातवीं राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है। राष्ट्रीय पार्टी की लिस्ट में अब तक कांग्रेस, भाजपा, बहुजन समाज पार्टी, सीपीआई, सीपीएम और एनसीपी का नाम था। अब इसमें तृणमूल कांग्रेस भी जुड़ गया है।
किसी भी पार्टी को कब मिलता है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
1968 के चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश के अनुसार, अगर कोई पार्टी इन तीन शर्तों में से किसी एक को पूरा कर लेती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है।
-
उस
पार्टी
ने
बीते
लोकसभा
चुनाव
में
कुल
सीटों
में
से
कम
से
कम
तीन
राज्यों
से
दो
प्रतिशत
सीटों
पर
जीत
हासिल
की
हो।
-या
तो
उस
पार्टी
ने
लोकसभा
या
विधानसभा
चुनावों
में
कम
से
कम
चार
राज्यों
में
कुल
वैध
मतों
में
से
6
प्रतिशत
मत
हासिल
किया
हो
और
उसे
चार
लोकसभा
सीट
पर
जीत
हासिल
हुआ
हो।
-या
फिर,
चार
राज्यों
में
उसे
स्टेट
पार्टी
का
दर्जा
मिला
हुआ
हो।
(तृणमूल
कांग्रेस
ने
इसी
शर्त
को
पूरा
किया
है)
राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद पार्टी के खास अधिकार
राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता मिलने के बाद अब देशभर में किसी भी चुनाव में उसका चुनाव चिह्न कोई और नहीं इस्तेमाल कर सकता। राष्ट्रीय पार्टी को ऑफिस बनाने के लिए सरकार की ओर से जमीन और मकान दिए जाते हैं। चुनाव के दौरान राष्ट्रीय दल 40 स्टार प्रचारक रख सकते हैं।