डूंगरपुर हिंसा: बातचीत को आगे आए आदिवासी प्रतिनिधि, सोमवार तक हाईवे खुलने की उम्मीद
नई दिल्ली: राजस्थान के डूंगरपुर में रविवार को चौथे दिन भी हालात तनावपूर्ण बने रहे, हालांकि अब आदिवासी जनप्रतिनिधियों ने हालात सामान्य करने के लिए प्रशासन से बातचीत शुरू कर दी है। उम्मीद जताई जा रही है कि सोमवार तक हाईवे खुल जाएगा। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इलाके में तनाव अभी भी बरकरार है, लेकिन हालात पूरी तरह से उनके कंट्रोल में है। जल्द ही बातचीत के जरिेए मामले को हल कर लिया जाएगा।
डूंगरपुर में रविवार को जनजाति प्रतिनिधियों ने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से बात की। इस दौरान डूंगरपुर सांसद कलकमल कटारा, उदयपुर सांसद अजुर्न लाल मीणा समेत कई दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक के बाद जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री अजुर्न सिंह बामनिया ने कहा कि सभी से शांति बहाली के उपायों पर चर्चा की गई है। जल्द ही जिले में पहले की तरह शांति कायम होगी। सीएम अशोक गहलोत भी हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
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क्यों
हुई
इतनी
ज्यादा
हिंसा?
राजस्थान
में
डूंगरपुर
जिला
जनजाति
बाहुल्य
है।
प्रदर्शन
करने
वाले
अधिकांश
लोग
भी
इसी
वर्ग
से
हैं।
प्रदर्शनकारियों
में
ज्यादातर
लोग
राजस्थान
शिक्षक
भर्ती
परीक्षा
के
अभ्यर्थी
हैं।
उनकी
मुख्य
मांग
राजस्थान
शिक्षक
भर्ती
परीक्षा
में
अनारक्षित
1167
पदों
को
जनजाति
(एसटी)
वर्ग
से
भरने
की
है।
मौजूदा
वक्त
में
डूंगरपुर
जिला
मुख्यालय
से
करीब
30
किलोमीटर
दूर
उदयपुर-अहमदाबाद
हाईवे
पर
बिछीवाड़ा-खेरवाड़ा
का
इलाका
उपद्रव
का
केन्द्र
बिन्दू
है।
अभी
तक
एसपी
की
गाड़ी
समेत
30
से
ज्यादा
वाहन
फूंके
जा
चुके
हैं।
साथ
ही
पुलिस
ने
700
से
ज्यादा
लोगों
पर
केस
दर्ज
किया
है।
शनिवार
को
हुई
फायरिंग
में
एक
शख्स
की
मौत
भी
हुई
थी।