तबलीगी जमात के साथ किया सफर, राजधानी-दुरंतो समेत इन ट्रेन यात्रियों की होगी जांच
नई दिल्ली- भारतीय रेलवे की पैसेंजर ट्रेनें पहली बार अपने इतिहास में पूरी तरह बंद हैं। लेकिन, भारतीय रेलवे की दिक्कतें कम नहीं हुई है। अब रेलवे को तबलीगी जमात के साथ सफर कर चुके सभी ट्रेन यात्रियों का पता लगाने की जद्दोजहद करनी पड़ रही है। क्योंकि, अब तक की जांच में ये बात सामने आ चुकी है कि दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित जमात के मरकज में शामिल हुए कई लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे में उन सारे रेल यात्रियों और रेलवे स्टाफ का पता लगाना बेहद जरूरी है, जिन्होंने दिल्ली से देश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रेनों के जरिए तबलीगी जमात के सदस्यों के साथ यात्रा की है। क्योंकि, जिस तादाद में निजामुद्दीन मरकज में शामिल लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, उससे इस बात का खतरा बढ़ गया है कि उन्होंने न जाने कितने मुसाफिरों और रेलवे स्टाफ को भी संक्रमित कर दिया होगा।
5 ट्रेनों से सफर कर चुके यात्रियों की तलाश
रेलवे उन तमाम यात्रियों का पता लगा रहा है, जो 13 मार्च से लेकर 19 मार्च के बीच उन ट्रेनों में सफर कर चुके हैं, जिसमें निजामुद्दीन के मरकज में हिस्सा लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में लौटने वाले तबलीगी जमात के लोग शामिल थे। रेलवे की नजर जिन ट्रेनों के हजारों यात्रियों पर है, वो ट्रेनें हैं- दिल्ली से आंध्र प्रदेश के गुंटूर गई दुरंतो एक्सप्रेस, चेन्नई गई ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस, चेन्नई ही गई एक और ट्रेन तमिलनाडु एक्सप्रेस, नई दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस और आंध्र प्रदेश संपर्क क्रांति एक्सप्रेस। हालांकि, इन ट्रेनों में सफर करने वाले तबलीगी जमात के संक्रमित लोगों के संपर्क में कितने यात्री या रेलवे के स्टाफ आए, इसका पुख्ता आंकड़ा दे पाना तो बहुत मुश्किल काम है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक जमात के लोगों ने हजारों दूसरे यात्रियों को जोखिम में डाल दिया है। क्योंकि, एक अंदाजे के मुताबिक एक ट्रेन में 1000 से 1200 यात्री और स्टाफ सफर करते हैं।
इंडोनेशियाई लोगों के साथ किसने किया सफर?
इस तलाशी अभियान में जुटे अधिकारियों ने बताया है कि रेलवे यात्रियों की लिस्ट संबंधित जिले के अधिकारियों को उपलब्ध करा रहा है। ये लोग रेलवे से मिली लिस्ट और जमात में शामिल होकर लौटे लोगों की लिस्ट को मिला रहे हैं और उसी आधार पर उन यात्रियों की पहचान की कोशिश हो रही है, जो संक्रमितों के संपर्क में आए हो सकते हैं और उनकी स्क्रीनिंग के बाद ही तसल्ली की जा सकती है। संपर्क में आए जिन यात्रियों की तलाश की जा रही है, उनमें जमात में शामिल होकर लौटे उन 10 इंडोनेशियाई लोग शामिल हैं, जो आंध्र प्रदेश संपर्क क्रांति से 13 तारीख को करीमनगर जिला लौटे थे और वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
इन ट्रेनों के यात्रियों की भी होगी जांच
इसी तरह नई दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस के बी-1 कोच में 16 मार्च को सफर करने वाले उन करीब 60 यात्रियों की भी तलाश हो रही है, जिनके उस मलेशियाई महिला के संपर्क में आने की आशंका है, जो कोरोना पॉजिटिव पाई गई है। माना जा रहा है कि वह महिला निजामुद्दीन के मरकज में शामिल हुई थी और वह झारखंड की पहली कंफर्म पॉजिटिव केस है। मलेशियाई महिला ने 23 और लोगों के साथ यात्रा की थी। राज्यों से मिली सूचना के मुताबिक 18 मार्च को दुरंतो एक्सप्रेस के एस-8 कोच में सफर करने वाले मरकज में शामिल दो लोग भी पॉजिटिव पाए गए हैं, जिन्होंने दो और लोगों के साथ यात्रा की थी। उनमें से दो लोगों ने ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस के कोच एस-3 में दो बच्चों के साथ सफर किया था, जबकि कुछ और लोगों ने तमिलनाडु एक्सप्रेस से गए थे।
रेलवे और प्रशासन के लिए बहुत बड़ी चुनौती
तबलीगी जमात के ऐसे कोरोना संक्रमित संपर्कों की तलाश करना इसलिए रेलवे और जिला प्रशासन के लोगों के लिए भारी मुसीबत का काम हो चुका है, क्योंकि जब उन्होंने यात्रा की थी, तब किसी तरह की पाबंदी नहीं लगाई गई थी और वे लोग बेरोक-टोक इधर-उधर घूम रहे थे। सबसे बड़ी चुनौती तो ये है कि इन कोरोना पॉजिटिव मरीजों ने काफी वक्त नई दिल्ली और हजरत निजामुद्दीन स्टेशनों पर भी बिताया था और न जाने वे किस-किस के संपर्क में आए थे। बता दें कि निजामुद्दीन स्टेशन पर आम दिनों में रोजाना दो लाख के करीब पैसेंजर और अन्य लोग पहुंचते हैं, जबकि नई दिल्ली में इनकी तादाद तो 5 लाख के करीब होती है। इन दोनों स्टेशनों से देश के लगभग हर हिस्सों के लिए ट्रेनें गुजरती हैं और तबलीगी जमात में शामिल होने वाले संक्रमित लोगों से इस वायरस का संक्रमण कहां-कहां तक फैला है, इसका पुख्ता पता लगा पाना फिलहाल कल्पना से भी बाहर लग रहा है।
इसे
भी
पढ़ें-
Covid-19:
देश
में
पहला
मामला,
क्वारंटाइन
की
गई
महिला
ने
दिया
बच्चे
को
जन्म