एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की स्पीड लिमिट 140 km प्रति घंटा करने की तैयारी , गडकरी पेश करेंगे बिल
नई दिल्ली, अक्टूबर 08: केंद्र सरकार एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की रफ्तार की सीमा में संशोधन करना चाहती है। इसे लेकर बिल लाने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि वह एक्सप्रेस-वे पर अधिकतम गति सीमा बढ़ाकर 140 किलोमीटर प्रति घंटा करने के पक्ष में हैं और इस संबंध में जल्द ही संसद में एक विधेयक पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधेयक का मकसद विभिन्न श्रेणियों की सड़कों पर वाहनों की गति सीमा को संशोधित करना है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा किगति को लेकर एक मानसिकता है कि अगर कार की गति बढ़ गई तो दुर्घटना हो जाएगी। मेरा निजी विचार है कि एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की गति सीमा बढ़ाकर 140 किमी प्रति घंटा कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि, चार लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर गति सीमा कम से कम 100 किमी प्रति घंटा होनी चाहिए, वहीं दो लेन की सड़कों और शहरी सड़कों के लिए गति सीमा क्रमश: 80 किमी प्रति घंटा और 75 किमी प्रति घंटा होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत में वाहनों की गति सीमा का मानक तय करना एक बड़ी चुनौती है। गडकरी ने कहा, कार की गति को लेकर उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के कुछ फैसले हैं, जिसके चलते हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं। नितिन गडकरी ने कहा कि आज देश में ऐसे एक्सप्रेस-वे बन गए हैं कि उन सड़कों पर कुत्ता भी नहीं आ सकता, क्योंकि सड़क के दोनों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है।
उन्होंने कहा, विभिन्न श्रेणियों की सड़कों के लिए वाहनों की अधिकतम गति सीमा को संशोधित करने के लिए एक फाइल तैयार की गई है। मंत्री ने कहा, लोकतंत्र में हमें कानून बनाने का अधिकार है और न्यायाधीशों को कानून की व्याख्या करने का अधिकार है। भारतीय सड़कों पर वाहनों की गति सीमा को संशोधित करने के लिए जल्द ही एक विधेयक संसद में पेश किया जाएगा।
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इससे पहले नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा था कि वह एक ऐसा कानून लाने की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत वाहनों के हॉर्न के रूप में केवल भारतीय वाद्ययंत्रों की आवाज का इस्तेमाल किया जाए। नासिक में एक राजमार्ग के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि वह एंम्बुलेंस और पुलिस की गाड़ियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सायरन का भी अध्ययन कर रहे हैं और उन्हें आकाशवाणी पर बजाए जाने वाली अधिक कर्णप्रिय धुन में बदलने पर विचार कर रहे हैं।
नितिन गडकरी ने कहा, 'हमने लाल बत्ती खत्म कर दी है। अब मैं इन सायरन को भी खत्म करना चाहता हूं। अब मैं एम्बुलेंस और पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सायरन का अध्ययन कर रहा हूं।' गडकरी ने कहा कि गाड़ियों में बजने वाले तेज हॉर्न और सायरन काफी परेशान करने वाले होतें और कई बार तो एक्सिडेंट का कारण भी बनते हैं।