भारतीय रेलवे इतिहास का 'BLACK' ईयर, 167 सालों में पहली बार थमे ट्रेन के पहिए नहीं छपा टाइम टेबल
नई दिल्ली: जो आज तक भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ, वो साल 2020 में हुआ था। पूरा देश घर के अंदर कैद था तो बाहर बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ था। दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस से ऐसी-ऐसी तस्वीरें आंखों के सामने आई है, जो कभी किसी ने सोची भी ना होगी। ऐसा ही कुछ हुआ भारतीय रेलवे के साथ। कोरोना महामारी की वजह से भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार ईयरली टाइम टेबल पर भी रोक लग गई। जानकारी के मुताबिक साल 1934 से हर साल रिलीज होने वाला ट्रेनों का टाइम टेबल कोरोना महामारी की वजह से साल 2020 में प्रकाशित नहीं हो पाया।
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भारत की लाइफ लाइन कही जाने वाली रेलवे की रफ्तार भी कोरोना से थम गई थी। साल 2020 का वो खौफनाक मंजर किसी से भूलाए नहीं भूला जाता। देशभर में कोरोना वायरस के फैलने के डर से लॉकडाउन लगाया गया, जो लोग जहां थे वो वहीं के वहीं रह गए। ऐसे में कोरोना के बढ़ते खतरे के मद्देनजर ट्रेन के पहिए भी थम गए। ऐसा भारतीय रेलवे में पहली बार हुआ जब पटरी सूनी थी और रेलवे स्टेशन वीरान हो गए थे। जानकारी के मुताबिक 167 साल में पहली दफा ऐसा हुआ जब ट्रेन से संचालन पर रोक लगी हो।
भारतीय रेलवे की रफ्तार कभी युद्धकाल में भी नहीं थमी थी, लेकिन कोरोना काल ने उसे पटरी पर खड़े रहने को मजबूर कर दिया। हालांकि मालगाड़ी का संचालन बराबर हो रहा था, लेकिन सवारी ट्रेन बिल्कुल बंद पड़ी थी। इन सब के बीच देशभर के अलग-अलग इलाकों से पैदल घर जा रहे श्रमिकों के मद्देनजर मई 2020 में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की आवाजाही शुरू हुई।
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उसके बाद फिर धीरे ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतराी हुई। कोरोना काल के दौरान रेलवे ने ट्रेनों का नाम और नंबर बदलकर ट्रेनों को चलाने का काम शुरू किया, लेकिन उस दौरान भी टाइम टेबल नहीं जारी किया गया। आपको बता दें कि पिछले साल 2020 में कोरोना महामारी के बढ़ते खतरे के मद्देनजर लॉकडाउन में मार्च 2020 में रेलवे ने सभी ट्रेनों का संचालन पर रोक लगा दी थी।