दिल्ली की जहरीली हवा की वजह से 35 फीसदी लोग छोड़ना चाहते हैं शहर- सर्वे
नई दिल्ली। दिल्ली की आबोहवा में जिस तरह से प्रदूषण का जहर हर रोज बढ़ रहा है उसकी वजह से लोगों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। हर रोज प्रदूषण का स्तर गिरता ज रहा है और दिल्ली में सांस लेना अब काफी नुकसानदायक साबित हो रहा है। हालांकि दिल्ली एनसीआर में बीती रात हुई बारिश से ने कुछ हद तक लोगों को राहत दी थी लेकिन बावजूद इसके हवा का खतरनाक स्तर बना हुआ है। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर एक ऑनलाइन सर्वे भी कराया गया है जिसमे यह बात सामने आई है कि यहां की जहरीली हवा की वजह से लोग दिल्ली-एनसीआर छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
दिल्ली-एनसीआर छोड़ने को मजबूर
जो ऑनलाइन सर्वे कराया गया है उसके अनुसार सर्वे में हिस्सा लेने वाले तकरीबन 35 फीसदी दिल्ली के निवासी दूसरे शहर में बेहतर हवा के लिए जाने का मन बना रहे हैं। इस सर्वे को लोकल सर्कल ने कराया है। इस सर्वे के आंकड़े ऐसे समय में सामने आया है जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को निर्देश जारी करके पूछा था कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए क्या कार्रवाई की गई है। साथ ही दिल्ली के 51837 उद्योग जोकि रिहायशी इलाकों में बिना अनुमति चल रहे हैं उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है, इसकी भी जानकारी मांगी गई है।
जहरीली हवा
ऑनलाइन सर्वे में यह बात सामने आई है कि दिल्ली के निवासी केंद्र और दिल्ली सरकार की ओर से वायु प्रदूषण को कम किए जाने को लेकर किए गए प्रयास से संतुष्ट नहीं है। दिल्ली में प्रदूषण स्तर काफी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। हवा की गुणवत्ता काफी खराब हो गई है, और पिछले कई हफ्तों से प्रदूषण का स्तर 400 से उपर बना हुआ है। यही वजह कि सर्वे में हिस्सा लेने वाले एक तिहाई लोग दिल्ली-एनसीआर छोड़ने का मन बना रहे हैं। वहीं 26 फीसदी लोगों का कहना है कि वह दिल्ली में ही रहेंगे और एयर प्योरिफायर व मास्क का इस्तेमाल करेंगे, जिससे कि वह खुद को दिल्ली की जहरीली हवा से बचा सके।
56 फीसदी लोगों के पास मास्क नहीं
वहीं 30 फीसदी लोग जिन्होंने सर्वे में हिस्सा लिया उनका कहना है कि उनके परिवार में किसी ना किसी को पिछले तीन हफ्तों के भीतर प्रदूषण की वजह से मुश्किल के चलते डॉक्टर को दिखाना पड़ा है। यही नहीं 56 फीसदी लोगों के पास दिल्ली की जहरीली हवा से खुद को बचाने केलिए मास्क नहीं है। सर्वे के नतीजों को एएसएआर ने प्रतिपादित किया है जोकि पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को उठाती है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली के 89 फीसदी लोग खराब हवा की वजह से असहज हैं या फिर बीमार हैं।
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