आसान नहीं है अहमद पटेल का सफर, शिया मुसलमानों ने खोला मोर्चा
आसान नहीं है अहमद पटेल का रास्ता, शिया समुदाय ने उनके खिलाफ शुरू किया अभियान, कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार हैं
नई दिल्ली। राज्यसभा के लिए आज गुजरात में चुनाव हो रहा है, जिसमें सबसे बड़ी चर्चा का विषय हैं कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल। गुजरात में हो रहे इस चुनाव पर तमाम दलों की पैनी नजर है। कांग्रेस के उम्मीदवार अहम पटेल पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार हैं, उनका पार्टी के भीतर काफी जबरदस्त प्रभाव है। लिहाजा पार्टी के भीतर उनकी जीत काफी अहम हो जाती है। अहमद पटेल की जीत पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा बन गया है।
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पर्दे के पीछे से करते हैं काम
जबसे कांग्रेस की कमान सोनिया गांधी ने संभाली है अहमद पटेल पार्टी के भीतर एक बड़े नेता के तौर पर उभरे हैं, हालांकि वह ज्यादातर काम पर्दे के पीछे रहते हुए करते हैं, लेकिन पार्टी के भीतर शीर्ष नेतृत्व में वह काफी प्रभावी नेता हैं। वह मीडिया के सामने काफी कम आते हैं, यहां तक कि वह संसद के भीतर भी कम ही बोलते हैं।
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चुनाव आयोग को गलत जानकारी देने का आरोप
ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों एक बड़ा मुस्लिम वर्ग अहमद पटेल के खिलाफ है और वह क्यों उन्हें राज्यसभा फिर से पहुंचने से रोकना चाहता है। हालांकि एक छोटा शिया तबका अहमद पटेल के खिलाफ है, इनका आरोप है कि पटेल न अपने नामांकन पत्र में गलत जानकारी दी हैं। अंजुमन ए हैदरी के महासचिव सैयद बहादुर अब्बास नकवी का कहना है कि हमने पटेल के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें हमने बताया कि पटेल ने गलत एफिडेविट दिया है, उन्होंने जानबूझकर चुनाव आयोग को भ्रमित किया है। उन्होंने अपने उपर दर्ज एफआईआर की जानकारी नहीं दी है, जोकि नवंबर 2016 को दिल्ली की लोदी कॉलोनी पुलिस स्टेशन में दर्ज है।
अहमद पटेल को बनाया मुख्य आरोपी
इससे पहले भी 2005 में अंजुमन ए हैदरी ने आरोप लगाया था कि दरगाह के पास जमीन का आवंटन रद्द कर दिया गया, जोकि 1724 से दरगाह के पास थी, यह सबसे पुराना दरगाह है जोकि वक्फ बोर्ड के पास था, लेकिन इसे सरकार ने ले लिया, तब से इस जमीन पर विवाद चल रहा है। हमने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमे अहमद पटेल मुख्य आरोपी थे।
लगातार जारी हैं हमले
सोमवार को संगठन की ओर से दो लगातार प्रेस कांफ्रेंस की गई जिसमें आरोप लगाया गया कि पुलिस ने डमी एफआईआर दर्ज की और इसमें अहमद पटेल का नाम नहीं था, अहमद पटेल का नाम तभी इसमे शामिल किया गया जब हमने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पुलिस ने जानबूझकर इस मामले में षड़यंत्र किया और अहमद पटेल का नाम एफआईआर में शामिल नहीं किया।
पटेल के खिलाफ अभियान
संगठन का दावा है कि उसके पास देशभर के पांच करोड़ शिया मुसलमानों का साथ है, इसके साथ ही गैर शिया ने भी हमें समर्थन दिया है। हम तमाम गुजरात के विधायकों से अपील करते हैं कि वह अहमद पटेल को अपना वोट नहीं दें। अहमद पटेल ने हमारी 1.5 एकड़ जमीन छीन ली, जिसकी कीमत करोड़ो में है। वहीं लखनऊ में शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जव्वाद ने भी अहमद पटेल की गिरफ्तारी का अभियान छेड़ दिया है।